शहर में पिछले दस दिनों से तापमान 40 डिग्री सेल्यिस से अधिक है। घरों में 24 घंटे कूलर-पंखे चल रहे हैं। तीन लाख उपभोक्ताओं में से 70 हजार एसी का उपयोग कर रहे हैं। शहर में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 850 यूनिट वार्षिक हो चुकी है। इसके बाद भी बिजली की खपत घट रही है। सिटी सर्किल के अधीक्षण अभियंता आईके त्रिपाठी के मुताबिक एक अप्रैल से 25 अप्रैल तक कुल 7.87 करोड़ यूनिट बिजली सप्लाई हुई। जबकि, पिछले साल 8.27 करोड़ यूनिट खपत हुई थी। त्रिपाठी के मुताबिक खपत कम होने का कारण अधिकांश घरों में ऊर्जा बचत वाले उपकरणों का उपयोग है। बड़े उपभोक्ताओं के सोलर पैनल लगाकर नेट-मीटरिंग योजना से जुडऩे से भी बिजली की खपत कम हुई है।
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अप्रैल में खपत की स्थिति
श्रेणी- अप्रैल 2017- अप्रैल 2018
उपभोक्ता- 3.03 लाख- 3.10 लाख
औसत रोज खपत- 32 लाख यूनिट- 30 लाख यूनिट
25 अप्रैल तक कुल खपत- 8.27 करोड़ यूनिट- 7.87 करोड़ यूनिट
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उजाला योजना
अब तक 4605 पंखे बेचे गए
9.56 लाख एलइडी बल्ब बिक चुके हैं
40 हजार से अधिक ट्यूबलाइट की बिक्री
बाजारों में उपलब्ध ऊर्जा बचत वाले उपकरणों की उपलब्धता
नियमित मीटर रीडिंग होना
अमीटरीकृत उपभोक्ताओं की संख्या में कमी
विजिलेंस की सक्रियता और चैकिंग
सोलर ऊर्जा और नेट मीटरिंग
शहर में पोल, मीटर शिफ्टिंग और केबलिंग के चलते बिजली चोरी में कमी आना
नया टैरिफ अभी नहीं, पुराना टैरिफ ही अगले आदेश तक रहेगा लागू
जबलपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अभी राहत की खबर है। मप्र विद्युत नियामक आयोग अभी नया टैरिफ आदेश जारी नहीं कर सकी है। आयोग ने नए टैरिफ आने तक पुराने टैरिफ को बरकरार रखने का आदेश जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक इसकी असल वजह चुनावी साल में नियामक आयोग पर भी बिजली दरों में बढ़ोत्तरी न करने का दबाव माना जा रहा है। प्रदेश की तीनों वितरण कम्पनियों की तरफ से होल्डिंग कम्पनी एमपी पॉवर मैनेजमेंट ने औसत बिजली दरों में ३.९९ प्रतिशत बढ़ोत्तरी की याचिका पेश की थी। इस पर नियामक आयोग ने फरवरी व मार्च में इंदौर, भोपाल व जबलपुर में आपत्तियों की सुनवाई पूरी कर ली थी। उम्मीद थी कि मार्च के आखिरी सप्ताह में आयोग नया टैरिफ आदेश जारी कर देगा, लेकिन ५० दिन बाद भी आयोग निर्णय नहीं ले सका।