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परेशानी ना बन जाए गर्मी में ठंड का एहसास…

locationजबलपुरPublished: Mar 05, 2019 09:27:39 pm

Submitted by:

virendra rajak

गर्मी में एसी, फ्रिज और कूलर से बढ़ जाती है बिजली की खपतसामान्य महीनों के औसत से दो से तीन गुना हो जाता है बिजली बिल

Consumers bothered with estimated consumption

bijli

जबलपुर. गर्मी शुरू हो गई है कितने दिन और घर पहुंच जाएंगे रातों में भी गर्मी का एहसास होगा इस बीच ठंड पाने की कोशिश कहीं परेशानी ना बन जाए इसलिए जरा संभलकर बिजली का उपयोग करें क्योंकि गर्मी में चलने वाले एसी फ्रिज और कूलर इतनी बिजली खाते हैं जिससे आपका बिल दो से तीन गुना तक हो जाता है।

गर्मी के दिनों में बढऩे वाली बिजली की मांग, जहां उपभोक्ताओं को अधिक बिल का झटका देती है, वहीं पर्याप्त बिजली आपूर्ति के दावों के बीच मैनटेनेंस फेल हो जाता है और बिजली कटौती की मार उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ती है। गर्मी शुरू होते ही जहां फ्रिज, एसी और कूलरों ने घरों में जगह बना ली है, वहीं बिजली महकमा भी लगातार मैनटेनेंस के कार्य में जुटा हुआ है। कहीं ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाया जा रहा है, तो कहीं लाइन बदली जा रही है। जानकारों की माने तो लोड बढऩे के साथ ही गर्मी में फॉल्ट के मामले भी बढ़ जाते हैं और उपभोक्ताओं को हलाकान होना पड़ता है। ठंडक प्रदान करने वाले अन्य उपकरणों के गर्मी में चालू होने से बिजली की खपत एकाएक बढ़ जाती है। एेसे में सामान्य उपभोक्ता का बिल दो से ढ़ाई गुना तक हो जाता है। जानकारों की माने तो एसी, फ्रिज और कूलर अधिक बिजली खपत करते हैं, इसलिए उपभोक्ताओं को भी बिल में अधिक राशि चुकाने का झटका लगता है।
इसलिए बढ़ती है खपत
अधिकारियों की माने तो उपभोक्ताओं द्वारा गर्मी के दिनों में अमूमन १५ से २० घंटे तक एसी चलाया जाता है। जिस कारण एसी अधिक बिजली कंज्यूम करता है। इतना ही नहीं बाहर का तापमान अधिक होने के कारण फ्रिज भी अधिक बिजली खाता है। कूलर और वॉटर कूलर में दो मोटरों का उपयोग होता है। पहली पानी की सप्लाई के लिए और दूसरी पंखे को चलाने के लिए। दोनों की क्षमता अधिक होती है, इसलिए ये अधिक बिजली का उपयोग करते हैं।
इसलिए बढ़ जाता है बिल
सामान्य दिनों में बिजली की खपत दूसरे या तीसरे स्लेब तक पहुंचती है। लेकिन गर्मी के दिनों में अधिक बिजली की खपत तीसरे स्लेब से जंप कर चौथे या पांचवे स्लेब तक पहुंच जाती है। इस कारण बिजली बिल दो से तीन गुना तक हो जाता है।

वर्जन
एसी में सर्वाधिक बिजली की खपत होती है। वह डेढ़ हजार से भी अधिक यूनिट की बिजली प्रतिमाह खपत करता है। फ्रिज भी बाहर का तापमान अधिक होने पर ज्यादा बिजली खपत करते हैं। एेसे में बिजली का उपयोग सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ जाता है और बिल भी अधिक आता है।
आईके त्रिपाठी, अधीक्षण अभियंता, सिटी सर्किल

 

सामान्य दिनों में मांग प्रतिदिन
जिले में लगभग – २०४ मेगावॉट
शहर में लगभग – १२९ मेगावॉट
देहात में लगभग – ७५ मेगावॉट
गर्मी के दिनों में मांग प्रतिदिन
जिले में लगभग – ३२० मेगावॉट
शहर में लगभग – २२० मेगावॉट
देहात में लगभग – १०० मेगावॉट
उपकरणों की खपत प्रतिमाह
उपकरण-खपत
एयर कंडीशन-६०० से १८०० यूनिट तक
फ्रिज-३०० से १००० यूनिट तक
कूलर-२०० से ८०० यूनिट तक
विंडो कूलर-५०० से १००० यूनिट तक
वॉटर कूलर-१०० से ५०० यूनिट तक
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शहर की स्थिति
कुल सम्भाग – ०५
कुल ट्रांसफार्मर – ४९००
कुल घरेलू उपभोक्ता – २७३५४१
यहां बढ़ता है लोड
सिविल लाइंस, राइट टाउन, नेपियर टाउन, विजय नगर, शांति नगर, पचपेढ़ी, सदर, गोरखपुर, आदर्श नगर, हनुमानताल, अधारताल समेत अन्य।(संपूर्ण जानकारी बिजली महकमे के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार)
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यूनिट के आधार पर विभिन्न स्लैब व उनका चार्ज
यूनिट-राशि प्रति यूनिट रुपए-फिक्स चार्ज
० से ३० यूनिट-३.१०-००० से ५० यूनिट-३.८५-५० रुपए शहर व ३५ रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
५१ से १०० यूनिट-४.७०-९० रुपए शहर व ६५ रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
१०१ से ३०० यूनिटों-६.००-२० रुपए शहर व १७ रुपए ग्रामीण प्रति १०० वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर १०० रुपए शहरी व ८५ रुपए ग्रामीण था)
३०० यूनिट से अधिक-६.३०-२२ रुपए शहर व २१ रुपए ग्रामीण प्रति १०० वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर ११० रुपए शहरी व १०५ रुपए ग्रामीण था)

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