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40 डिग्री तापमान में बिना ग्लब्स के सुधार रहे बिजली लाइन, वीडियो दिखाएगा सच

locationजबलपुरPublished: Apr 08, 2019 08:46:05 pm

Submitted by:

manoj Verma

ग्लब्स, हेलमेट भी मुहैया नहीं कराती बिजली कंपनी

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ग्लब्स, हेलमेट भी मुहैया नहीं कराती बिजली कंपनी

शहर के विकास के साथ बिजली विभाग में भी काफी बदलाव हुआ है। अभी तक बिजली का फाल्ट ढूढऩे वाले कर्मचारी लकड़ी की सीढ़ी लेकर पैदल चलते थे, जो अब गाडि़यों पर चल रहे हैं। गाडि़यों में सीढि़यां लगी हुई है, जिसे सुविधा के अनुसार उपर नीचे किया जा सकता है। इससे कम समय में ज्यादा जगहों पर जल्द पहुंचा जा सकता है। बिजली विभाग में यह तरक्की तो हुई है लेकिन यहां काम करने के ढंग में कोई अंतर नहीं आया है। आज भी कर्मचारी सीढ़ी पर चढऩे के बाद पोल पर नग्न हाथों से ही काम कर रहे हैं। इनके सिर पर हेलमेट या दस्ताने नहीं रहते हैं, जिससे इनका असमय करंट की चपेट में आशंका बनी रहती है।
ये थी हकीकत
राइट टाउन में दोपहर करीब डेढ़ बजे बिजली विभाग के ऑटोनुमा वाहन तीन कर्मचारी सवार होकर आए। इनके साथ अन्य दोपहिया वाहन में इनके अफसर भी थे। मौके पर वाहन रोककर उन्होंने ट्रांसफार्मर वाले पोल का मुआयना किया और कुछ ही देर बाद वहां के वाहन आदि हटाकर बिजली विभाग का वाहन सेट किया। वाहन सेट होते ही चालक गाड़ी से बाहर निकला, तब तक अन्य दो कर्मचारियों ने वाहन खड़ा होते ही वाहन के उपर लगी फोल्डिंग सीढ़ी को खड़ा करके उसे लॉक कर दिया। वाहन का चालक ने अन्य कर्मचारी से पिंचिस हाथ में ली और सीढ़ी पर चढ़ गया। उपर चढऩे के साथ ही उसने ट्रांसफार्मर के समानांतर लगी डीपी को पिंचिस की मदद से खोला और उसकी जांच करने लगा।
अफसर देते रहे निर्देश
मौके पर डीपी का ढक्कन खुलने के बाद कर्मचारी ने अपने संबंधित अफसर को हकीकत बताई, जिस पर वे आश्चर्य कर रहे और उन्होंने डीपी बंद करने को कहा।

नहीं हो रही थी बंद डीपी
कर्मचारी जब पिंचिस की मदद से डीपी बंद करने की कोशिश करता रहा तो वह बंद नहीं हो रही थी। बार-बाद वह ढक्कन बंद कर रहा था और वह खुल रहा था। अंतत छह-आठ बार के प्रयासों के बाद वह बंद हो सका।
गाड़ी में था हेलमेट
बिजली विभाग की गाड़ी में एक नीले रंग का प्लास्टिक का हेलमेट रखा हुआ था। कार्य के दौरान इसका इस्तेमाल नहंी किया गया था, जबकि वहां काम करने के लिए तीन कर्मचारी थे।
ऑफ दी रेकॉर्ड
कर्मचारियों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि उन्हें सेफ्टी सामग्री बतौर हेलमेट, ग्लब्स दिए जाते हैं लेकिन उनकी क्वालिटी ठीक नहीं रहती है। एक दो बार में ही फट जाते हैं। एेसे में उन्हें जैसे-तैसे काम करना पड़ता है। कई बार स्थिति यह बनती है कि तारों के मकडज़ाल के बीच काम करते हुए उन्हें व्यक्तिगत ग्लब्स पहनना पड़ता है। वहीं बिजली अफसर दलील दे रहे हैं कि दरअसल, कर्मचारी खुद सेफ्टी सामग्री के साथ काम करना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि काम करने में समय लगता है।
एक गाड़ी में तीन से चार कर्मचारी
ऑटोनुमा गाड़ी में एक समय में तीन से चार कर्मचारी सवार हो जाते हैं। इसमें दो व्यक्ति आगे और दो पीछे बैठते हैं। फाल्ट वाली जगह पर वाहन को आगे-पीेछे करके पोजीशन ली जाती है और उसके बाद कर्मचारी सीढ़ी को सीधा करके उसे लॉक कर देते हैं, जिसके जरिए वे खंभे तक पहुंच जाते हैं।
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