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पापों से मुक्ति के लिए प्रयागराज जाने की जरूरत नहीं, इस नदी किनारे होंगे माघ माह में अनुष्ठान

locationजबलपुरPublished: Jan 09, 2020 11:02:06 am

Submitted by:

Lalit kostha

पापों से मुक्ति के लिए प्रयागराज जाने की जरूरत नहीं, इस नदी किनारे होंगे माघ माह में अनुष्ठान
 

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जबलपुर. गंगा तीर्थ प्रयागराज की तर्ज पर नर्मदा तीर्थ में माघ कल्पवास की साधना होगी। संस्कारधानी में तीन वर्ष पहले नर्मदा तट पर माघ कल्पवास की शुरुआत हुई। अब भेड़ाघाट और ग्वारीघाट में माघ कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे लगी है। माघ कल्पवास के दौरान नर्मदा तटों पर योग, भजन कीर्तन एवं अनुष्ठान किए जाएंगे।

प्रयागराज की तर्ज पर तीन वर्ष से पहुंच रहे श्रद्धालु
नर्मदा तट पर होगा माघ कल्पवास भक्त करेंगे योग कीर्तन अनुष्ठान

पौष पूर्णिमा 10 जनवरी को काफी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा में स्नान-दान करेंगे। जबकि, माघ स्नान करने वाले श्रद्धालु भी पूर्णिमा से ही प्रारम्भ करते हैं। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार 11 जनवरी से 9 फरवरी तक माघ कल्पवास होगा। माघ माह में ही बसंत पंचमी और नर्मदा जयंती मनाई जाती है। गंगा तीर्थ की तरह नर्मदा तीर्थ में कल्पवास करना मंगलकारी होता है। नर्मदा तीर्थ में माघ माह में हर दिन स्नान-दान की प्राचीन परम्परा है। प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने नर्मदा तट पर सिद्धियां प्राप्त की हैं। गृहस्थ जन भी माघ कल्पवास में नर्मदा तट पर साधना करते हैं तो भक्ति पूर्ण होती है।

ग्वारीघाट में वर्ष 2017 में हुई थी कल्पवास की शुरुआत
ग्वारीघाट में वर्ष 2017 में माघ कल्पवास की शुरुआत हुई थी। अब कल्पवास के श्रद्धालु और सेवाभावी लोगों की संख्या बढ़ गई है। कल्पवास के श्रद्धालुओं में लोग प्रसाद वितरित करने पहुंचते हैं। नर्मदा महाआरती समिति के संयोजक ओंकार दुबे के अनुसार माह में नर्मदा तट पर श्रीमद् देवी भागवत कथा, द्वादस ज्योतिर्लिंग का प्रतिदिन रुद्राभिषेक, महाआरती व सेवा कार्य किए जाएंगे।

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