गर्भ संस्कार का अध्यात्मिक के साथ है वैज्ञानिक महत्व
जबलपुरPublished: Oct 21, 2019 11:09:36 am
गायत्री परिवार के साथ जबलपुर के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने भी किया रिसर्च,
Pregnancy Care: प्रेग्नेंसी में कब्ज दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय
जबलपुर गर्भ संस्कार का आध्यात्मिक महत्व तो है ही वैज्ञानिक महत्व भी इसका महत्वपूर्ण है। जबलपुर के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने रिसर्च में पाया कि गर्भ संस्कार एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे आने वाली पीढ़ी संस्कारवान हो सकती है। गायत्री परिवार के साथ शहर के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने गर्भ संस्कार के अध्यात्मिक के साथ ही वैज्ञानिक महत्व पर ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ीÓ अभियान शुरू किया है। मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी ने गर्भ संस्कार पर जहां एक प्रोजेक्ट शुरू किया है तो स्त्री रोग विशेषज्ञों की संस्था जॉग्स ने नियिमत कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही।
गोदभराई कार्यक्रम से जोड़ेगें
जबलपुर के शहीद स्मारक में गायत्री परिवार एवं अन्य संस्थाओं के साथ हुए कार्यक्रम में कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि वर्तमान समय में चारित्रिक मूल्यों का पतन और भविष्य को लेकर दिशाहीनता बड़ी समस्या है। एेसे में संस्कारवान पीढ़ी को गढऩे में ‘गर्भ संस्कारÓ अभियान की प्रभावी भूमिका हो सकती है। इस अभियान को आंगनबाड़ी के गोदभराई कार्यक्रम से जोड़ा जाना चाहिए। वे कार्यक्रम के शुभारम्भ पर मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा द्वारा अभियान के बारे में दिए वैज्ञानिक जानकारी दी। कुलपति द्वारा अभियान को विश्वविद्यालय स्तर पर शोध का हिस्सा बनाए जाने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान गर्भ संस्कार के अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक पहलुओं पर विशेषज्ञ चिकित्सकों, स्त्री रोग विशेषज्ञों एवं अन्य जानकारों ने विचार रखे। आम लोगों को गर्भ संस्कार के लिए जागरूक किए जाने की जरुरत बताई।
बेहद प्रभावी है गर्भ संस्कार
जबलपुर हॉस्पिटल, जॉग्स एवं आइएमए की ओर से आयोजित इस संगोष्ठी के दौरान डॉ. रेखा जेम्स ने आज के समय की जरूरत बताते हुए कहा कि युवाओं के गिरते हुए भावनात्मक एवं चारित्रिक मूल्य हम सब के लिए चिंता का विषय है। डॉ. अमिता सक्सेना ने कहा कि गर्भ संस्कार कार्यक्रम बेहद प्रभावी है। डॉ. राशी खरे ने गर्भ संस्कार के विज्ञान को बताते हुए कहा कि गर्भ में बच्चे का ८० प्रतिशत मस्तिष्क बन जाता है। वह गर्भ में सुनता, सीखता, खुश और दुखी होता है। गायत्री परिवार द्वारा यह संस्कार नि:शुल्क कराया जाता है।
गर्भावस्था में दिए जाते हैं प्रशिक्षण-
– गर्भ संस्कार कार्यक्रम में गर्भावस्था काल में महिला को सकारात्मक जीवन और संतुलित दिनचर्या का प्रशिक्षण दिया जाता है। अध्यात्मएवं विज्ञान से जुड़े इस अभियान से जुडऩे पर उसका प्रभाव जन्म लेने वाले शिशु के संस्कारों पर पड़ता है। डॉ. दीपा तिवारी ने गर्भावस्था में ध्यान योग, प्राणायाम के लाभ एवं नार्मल डिलेवरी में उसके लाभ के बारे में बताया। कार्यक्रम में डॉ. अमिता सक्सेना, डॉ. संगीता श्रीवास्तव, डॉ. प्रज्ञा धीरावाणी, रिचा धीरावाणी, डॉ. निशा साहू उपस्थित थीं।