जबलपुर

प्रसव पीड़ा से तड़पती रही जननी अंतत: नवजात ने छोड़ दी दुनिया

नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस

जबलपुरJul 01, 2018 / 06:55 pm

deepankar roy

Pregnant women Child labor distressed pen

कटनी। प्रसूताओं को सुरक्षित प्रसव हो। उन्हें हर सुविधा मिले, इस मंशा से सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार द्वारा तैनात जननी एक्सप्रेस वाहन भी इसी सुविधा का एक हिस्सा है, लेकिन सरकारी नुमाइंदे ही सरकार की योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। इसका एक और उदाहरण ढीममरखेड़ा के ग्राम बरेहटा में सामने आया। यहां समय पर जननी वाहन नहीं मिलने से प्रसूता की हालत बिगड़ गई। अंतत: नवजात शिशु ने गर्भ में दम तोड़ दिया। घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।


नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस
प्राप्त जानकारी के अनुसार गाड़ा बरेहटा निवासी अनीता पति उमेश राजभर को प्रसव पीड़ा हुई। दर्द असहनीय हो गया। इस बीच सुबह ही परिजनों ने जननी एक्सप्रेस वाहन के लिए फोन लगाया। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी वाहन नहीं आया तो निजी साधन से वे प्रसूता को कछारगांव बड़ा उप स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। जहां पर एएनएम ने पहले सुरक्षित प्रसव हो जाने की बात कही, लेकिन बाद में प्रसूता अनीता को उमरियापान स्वास्थ्य केन्द्र ले जाने को कह दिया। परिजनों ने बताया कि कछारगांव से महिला को ले जाने फिर से जननी वाहन के लिए संपर्क किया गया, लेकिन वाहन वहां भी नहीं आया। उसके बाद निजी वाहन से महिला को परिजन उमरियापान अस्पताल लेकर गए, जहां प्रसव के बाद नवजात मृत पैदा हुआ। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग में लगाए गए वाहनों की सुविधा न मिलने व लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन प्रसूताओं को वाहन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।


ये दिया तर्क
बच्चे की मौत पेट में गंदा पानी चले जाने के कारण हुई है। इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई। जननी वाहन के न पहुंचने की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो जानकारी लेंगे और व्यवस्था में सुधार कराया जाएगा।
डॉ. राजेश केवट, बीएमओ ढीमरखेड़ा

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