चार बार जमीन का अधिग्रहण किया गया
दो दशक में चार बार जमीन का अधिग्रहण किया गया। एक बार फिर से हिन्दुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड कार्पोरेशन का वाहन स्टैंड बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत करने की तैयारी है। भमकी गांव के किसान सवाल उठा रहे हैं कि बार-बार ऐसा क्यों किया जा रहा है? किसानों का कहना है कि वे खेती कर जीवनयापन करते हैं। वे डिपो प्रबंधन से हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, मांग नहीं मानी जा रही।
स्टैंड की जमीन पर पेट्रोल पम्प
ऑयल कम्पनियों और गैस प्लांट के वाहनों की पार्किंग के लिए आठ साल पहले तक स्टैंड की जमीन थी। उसमें बड़ी संख्या में टैंकर खड़े हो सकते थे। लेकिन, जिम्मेदारों ने दूरदर्शिता न दिखाते हुए स्टैंड की जमीन पर पेट्रोल पम्प बना दिया। इससे पार्किंग के लिए जगह नहीं बची और टैंकर सड़कों के किनारे खड़े किए जाने लगे। प्रशासन ने सख्ती बरती, तो डिपो प्रबंधन ने स्टैंड बनाने के लिए चार एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के लिए किसान सुशील पटेल, रामचरण चक्रवर्ती, नेतराम पटेल पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
अधिग्रहण एक नजर
200 एकड़ जमीन 15 साल पहले एचपीसीएल प्लांट के लिए अधिग्रहीत
130 एकड़ जमीन 22 साल पहले गैस प्लांट व भारत पेट्रोलियम के लिए अधिग्रहीत
30 एकड़ जमीन इंडियन ऑयल डिपो के लिए अधिग्रहीत
जबलपुर-भोपाल सड़क चौड़ीकरण के लिए फिर जमीन अधिग्रहीत
ये हैं सवाल
एक प्रोजेक्ट के लिए बार-बार जमीन का अधिग्रहण क्यों?
प्रोजेक्ट बनाते वक्त भविष्य की आवश्यकताओं के मद्देनजर प्लानिंग क्यों नहीं हुई?
आठ साल पहले वाहन स्टैंड की जमीन पर पेट्रोल पम्प खोला गया व दो भवन क्यों बना दिए गए?
किसानों का कहना है कि जमीन न रहने पर वे बेरोजगार हो जाएंग,े फिर रोजगार देने की व्यवस्था क्यों नहीं?
प्रक्रिया जारी है
डिपो के सामने टैंकरों की पार्किंग खतरनाक है। ऐसे में उपयुक्त स्थल पर वाहन स्टैंड बनाने के लिए प्रक्रिया जारी है।
पीके सेनगुप्ता, एसडीएम, पाटन