script‘मिशन-10 के’ के सहारे स्कूलों श्रेष्ठ बनाने की तैयारी | Preparation to make schools superior with the help of 'Mission-10K' | Patrika News

‘मिशन-10 के’ के सहारे स्कूलों श्रेष्ठ बनाने की तैयारी

locationजबलपुरPublished: Jan 28, 2020 12:12:42 pm

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

जिले के 204 स्कूलों को किया गया चिन्हित, गुणवत्ता के साथ सुविधाओं को होगा विस्तार, रोल मॉडल के रूप में स्कूल होंगे तैयार, स्कूल शिक्षा विभाग ने तैयार किया ब्लू प्रिंट

students of governments a school

स्कूली शिक्षा का प्रतीकात्मक फोटो

फैक्ट फाइल

-2255 स्कूल

-652 मिडिल स्कूल

-1603 प्राइमरी स्कूल

-204 चयनित स्कूल

-31000 छात्र शामिल

यह चयन का आधार

– स्वतंत्र परिसर, लाईब्रेरी कक्ष, पानी की मुकम्मल व्यवस्था, बालक एवं बालिका टायलेट, बिजली की व्यवस्था, न्यूनतम 4 शिक्षकों की उपलब्धता, 100 छात्रों की दर्ज संख्या।

यह होगा बदलाव

-शिक्षण कार्य पर अलग से फोकस, इंफ्रास्टक्चर का विस्ता, टारगेट आधारित पढ़ाई, कक्षाओं का रिजल्ट, शिक्षण कार्य पर सतत नजर, आदर्श स्कूल की तरह संचालन।

जबलपुर।

स्कूल शिक्षा विभाग ‘मिशन-10 के’ के सहारे अब स्कूलों में क्वालिटी बढ़ाकर उन्हें श्रेष्ठ स्कूल बनाने की तैयारी में जुट गया है। इस मिशन के तहत इन स्कूलों में शिक्षण से जुड़े सभी मापदंडो का पालन अनिवार्य होगा तो वहीं इन स्कूलों में वे सभी तमाम सहूलियतें भी उपलब्ध की जाएंगी जो कि शिक्षण कार्य के लिए आवश्यक हैं। प्रदेश में ऐसे करीब 10 हजार स्कूलों को मिशन-10 के तहत तैयार किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना का ब्लू प्रिंट तैयार किया जा चुका है जिसे सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। जिले के करीब दो सैकड़ा स्कूल मिशन-10 के में शामिल किए जा रहे हैं। 100 और 4 का दायरास्कूल शिक्षा विभाग ने मिशन टेन के तहत 100 एवं 4 का दायरा तय किया गया है। अर्थात स्कूल में कम से कम 100 छात्र-छात्राएं होना अनिवार्य है तो वहीं कार्यरत शिक्षकों की संख्या न्यनूतम 4 होनी चाहिए। जिले में कुल 2255 स्कूल वर्तमान में है। इन स्कूलो में 204 स्कूलों का चयन इसके तहत किया गया है।चयन का आधार उपलब्ध व्यवस्थाओं के साथ स्कूलों का स्वतंत्र होना है।

एक मुश्त नहीं जारी होगी राशि

जानकारों के मुताबिक विभाग स्कूलों में क्वालिटी के साथ इंफ्रास्टक्चर मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। वित्तीय स्थिति कमजोर होने के चलते अब सभी स्कूलों में एक साथा एक मुश्त राशि खर्च न कर पहले चिन्हित स्कूलों को फोकस कर इनमें सुधार के उपाए किए जा रहे हैं। इन्हें आदर्श रूप में स्थापित करने के बाद दूसरे फेज में अन्य स्कूलों को शामिल किया जाएगा।

नगर एक इन स्कूलों का चयन

शासकीय मिडिल स्कूल कछपुरा, मिडिल स्कूल बरगी हिल्स, मिडिल स्कूल कन्या गोविंद गंज, मिडिल स्कूल धनवंतरी नगर, मिडिल स्कूल गढ़ा नंबर दो, नवीन बुनियादी मिडिल स्कूल, मिडिल स्कूल दीक्षितपुरा, मिडिल स्कूल सूजीपुरा, मिडिल स्कूल पोलीपाथर, मिडिल स्कूल तिलवारा घाट, मिडिल स्कूल मदनमहल, मिडिल स्कूल गोरखपुर, मिडिल स्कूल हाथाीताल, मिडिल स्कूल अन्ना नगर एवं मिडिल स्कूल ललपुर शामिल हैं।

नगर दो के ये स्कूल शामिल

शासकीय मिडिल स्कूल गणेशगंज, मिडिल स्कूल घमापुर, मिडिल स्कूल कैलाश नगर, प्राइमरी हिंदी गोहलपुर, मिडिल स्कूल कन्या घमापुर, मिडिल स्कूल वेस्ट करियापाथर, प्राइमरी स्कूल नई बस्ती, प्राइमरी स्कूल ठक्करग्राम, प्राइमरी स्कूल पश्चि करियापाथर, प्राइमरी स्कूल आदर्श बहोराबाग शामिल हैं।

-स्कूलों में गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य को लेकर ‘मिशन-10 के’ पर काम किया जा रहा है। विभाग ने स्कूलों को चिन्हित कर भोपाल रिपोर्ट भेजी है। आगे की प्रक्रिया को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे। विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। -डीके श्रीवास्तव, सहायक परियोजना समन्वयक

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