जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत ढकरवाह से भनपुरा तक 35 लाख की लागत से साढे तीन किमी रोड स्वीकृत हुई थी। जिसका भूमि पूजन अक्टूबर 2018 में किया गया था। निर्माण एजेंसी ने रोड निर्माण का ठेका जबलपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। ठेकेदार ने जनवरी 2019 से रोड का निर्माण शुरू किया। मई 2019 में सडक़ निर्माण का काम पूरा हो गया, लेकिन सडक़ बनने के कुछ ही दिनों बाद वह जगह-जगह से चटकने लगी। स्थिति यह हो गई कि सडक़ के किनारों के हिस्सों का डामर और गिट्टी उधड़ कर बाहर आ गया। इसको लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर और सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की लेकिन न तो रोड में सुधार हुआ न संबंधित निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई।
ग्राम के लोगों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार ने रोड के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। बेस तैयार करते समय मुरम डालकर न तो रोलर चलाया गया और न ही बारीक गिट्टी का इस्तेमाल हुआ। इसी का परिणाम है कि रोड बनते एक माह भी नहीं हुआ और इसकी परतें उखडऩे लगी। ग्रामीणों का कहना है कि रोड का अभी यह हाल है तो तेज बारिश में पूरी रोड धंस जाएगी।
छह माह बीते, नही शुरू हुआ काम
सिहोरा से पानउमरिया रोड के बीच में ग्राम दरौली को जोडऩे के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत पानउमरिया रोड से दरौली के बीच तीन किमी सडक़ छह माह पहले स्वीकृत हुई, लेकिन अभी तक सडक़ का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो हुआ। ऐसे में ग्रामीणों को कीचड़ भरे रास्ते से बारिश के समय गांव पहुंचना पड़ता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत ढकरवाह से भनपुरा तक निर्माणाधीन सडक़ में अभी एक लेयर का काम बाकी है। सडक़ निर्माण के नियम एवं शर्तों के मुताबिक पांच वर्षों तक ठेकेदार सडक़ में होने वाली टूट-फूट सहित दूसरी कामों की देखरेख करता है, जहां तक पानउमरिया से दरौली सडक़ निर्माण का काम शुरू नहीं होने की बात है। संबंधित ठेकेदार ने काम तो शुरू कर दिया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा खुदाई के दौरान उसकी मशीन जप्त होने के कारण काम रुक गया है।
विनीत श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना