रात ढाई बजे तक चला पुलिस का ड्रामा-
बताते है कि ये वारदात शाम पौने छह बजे की है। फायरिंग की आवाज सुनते ही थाने का बल दौड़ कर पहुंचा। उसे तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया गया था। बहन सोनम बागरी का आरोप है कि कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई थी, लेकिन पुलिस और अस्पताल प्रबंधन ने उसे गम्भीर बता भर्ती रखा। रात ढाई बजे उसे मृत घोषित किया गया। इससे पहले उसे ब्लड चढ़ाने तक का नाटक खेला गया।
तीन घंटे तक भटकते रहे परिजन-
शुभम बागरी के भाई सतेंद्र बागरी, बहन सोनम व दीप्ति बागरी ने आरोप लगाया कि उसे शाम सात बजे फोन कर लार्डगंज थाने के एक सिपाही ने गोली मारने की सूचना दी। किस अस्पताल में भर्ती कराया है, ये नहीं बताया। तीन घंटे तक वह विक्टोरिया से लेकर अन्य अस्पताल में भटकता रहा। इसके बाद पुल नम्बर दो के पास निजी अस्पताल में पहुंचा। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
वर्जन-
हनुमानताल में दर्ज छेड़छाड़ के प्रकरण में शुुभम बागरी पर पॉक्सो एक्ट सहित प्रकरण दर्ज है। इसी मामले में गिरफ्तारी के लिए तीन हजार का इनाम घोषित किया गया था। आईजी जोन की सायबर सेल गिरफ्तार कर सिविल लाइंस पहुंची, तभी उसने गोली मार ली।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी
वजर्न–
जोन कार्यालय के सायबर सेल ने लोकेशन मिलने और गिरफ्तारी करने के लिए मुझसे कोई अनुमति नहीं ली और न ही सूचना दी थी। गिरफ्तारी के समय आरोपी की तलाशी सहित अन्य प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके चलते पांचों पुलिस कर्मियों को निलम्बित करते हुए एएसपी संजीव उईके को जांच सौंपी है।
भगवत सिंह चौहान, आईजी