पक्षकार व वकील वंचित
21 जून 2018 को राज्य व केंद्र सरकार के अधीन विभाग, संस्थान, आयोग, उपक्रम के लिए ऑनलाइन कोर्ट फीस अनिवार्य कर दी गई। साफ आदेश जारी किए गए कि ऐसा न होने पर उनके मामले/आवेदन को डिफाल्ट में डाल दिया जाएगा। लेकिन निजी पक्षकारों, वकीलों के लिए फिर छूट दे दी गई कि सर्वर डाउन होने, नेटवर्क की समस्या या अन्य तकनीकी समस्याओं की वजह से ऑनलाइन कोर्ट फीस का भुगतान न किए जाने की सूरत में वे आवेदन देकर ऑफलाइन जमा कर सकते हैं। इसकी सूचना संबंधित कोर्ट को आवेदन के साथ देने पर मामला/आवेदन डिफाल्ट में नहीं जाएगा। इस बार सुविधा अनिवार्य करने की तारीख नियत नहीं की गई।
पीओएस मशीन भी नहीं लगीं
तीनों खंडपीठों में अब तक पीओएस मशीन भी इंस्टाल नहीं हो सकी है। 5 जुलाई 2018 को जारी नोटिफिकेशन के तहत 100 रुपए तक ऑनलाइन कोर्ट फीस भुगतान में भी पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल ) मशीन इंस्टाल होने तक छूट दे दी है। इन सबके चलते अभी तक इस व्यवस्था को हर एक के लिए सुलभ व अनिवार्य नहीं किया जा सका है।
ऑनलाइन फीस-एक नजर अब तक
27 नवंबर 2017- विधि एवं विधायी कार्य विभाग के अनुमोदन के बाद हाईकोर्ट ने आरंभ की सुविधा, हाईकोर्ट द्वारा 15 दिसंबर को ऑनलाइन कोर्ट फीस अनिवार्य करने का नोटिस किया जारी
14 दिसंबर 2017- 15 जनवरी तय बढ़ाई अनिवार्य करने की तारीख
15 जनवरी 2018- ऑनलाइन कोर्ट फीस अनिवार्य करने में छूट बढ़ा कर 31 जनवरी 2018 की गई
05 फरवरी 2018- 19 फरवरी 2018 कट ऑफ तारीख तय की गई, इसके बाद ऑनलाइन कोर्ट फॅीस अनिवार्य करने को कहा गया
27 फरवरी 2018- ऑनलाइन कोर्ट फीस अनिवार्य करने के लिए अंतिम तारीख 12 मार्च तक बढ़ा दी गई
27 मार्च 2018- हाईकोर्ट व अधिवक्ता संघों से बैठक के यह सुविधा 18 मई 2018 से अनिवार्य करने के लिए समयसीमा बढ़ाई गई।
08 मई 2018- ग्रीष्मावकाश के कारण समयसीमा 18 जून 2018 तक बढ़ी