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गेहूं खरीद तो लिए, रखने की जगह ही नहीं है

locationजबलपुरPublished: Feb 14, 2020 11:38:45 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर जिले के जिम्मेदारों की लापरवाही से बनी समस्या

Wheat

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– जिले में 38 हजार से ज्यादा किसानों का होगा पंजीयन।
– 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी का अनुमान।
– 3.88 लाख मीट्रिक टन धान की हुई है खरीदी।
– धान से सभी वेयरहाउस एवं ओपन कैप भरे।
– गोदामों में दो साल पुराना गेहू एवं चावल भंडारित।

जबलपुर। गेहूं के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन शुरू हो गया है लेकिन भंडारण के लिए जिले में भयाभय स्थिति है। मौजूदा समय में 10 हजार मीट्रिक टन गेहू रखने के लिए जगह खाली नहीं है। ऐसे में प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इस साल भी करीब 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का अनुमान है, उस लिहाज से गोदामों की व्यवस्था नहीं है। अब सायलो कैप और ओपन कैप के लिए जगह तलाशी जा रही है, लेकिन इतने कम समय में इन्हें तैयार करना भी बढ़ी चुनौती होगी। इस साल धान की पैदावार अच्छी हुई है। जिले में करीब 3 लाख 88 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया। उसका भंडारण भी जगह के अभाव में मुश्किल हो रहा है। हाल में ह्दय नगर ओपन कैप खाली हुआ तो वहां पर करीब 35 हजार मीट्रिक टन की जगह खाली हुई। ऐसे में अब बांकी का 20 हजार मीट्रिक टन धान का स्टॉक यही पर किया जाएगा। इसके बाद सारे गोदाम और ओपन कैप पैक हो जाएंगे।

अब किसानों से खरीदा गया गेहूं कहां रखा जाएगा, यह सवाल खड़ा हो गया है। प्रशासन भी अभी पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाया है। जिले में हर साल गेहू की उपज की मात्रा बढ़ रही है। उस अनुपात में भंडारण की सुविधाओं में इजाफा नहीं हुआ है। बताया जाता है कि अभी वर्ष 2018-19 का लगभग 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं रखा है। वहीं वर्ष 2019-20 का 3 लाख मीट्रिक टन गेहू भंडारित है। गेहूं के अलावा लगभग 60 हजार मीट्रिक टन चावल एवं 10 से 20 हजार मीट्रिक टन दलहन भंडारित है। ऐसे में इन गोदामों जगह बनना थोड़ी मुश्किल होगी। वेयरहाउसिंग कारपोरेशन की तरफ से जिले के चार प्रमुख क्षेत्रों में ओपन कैप निर्माण एवं सायलो के लिए प्रत्येक जगह पर 25 से 30 एकड़ जमीन तलाशने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा है। इसके लिए तीन से चार दिन का वक्त दिया गया है। कलेक्टर ने भी टीएल बैठक में इसके लिए निर्देशित किया है। यदि यह तैयार होते हैं तो भंडारण थोड़ा आसान होगा। स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक अतुल सोरठे ने बताया कि चावल का भंडारण हो रहा है। लेकिन गेहूं के लिए जगह बनानी मुश्किल होगी। ओपन कैप एवं सायलो में इसका भंडारण एकमात्र विकल्प होगा। इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अलग-अलग जगहों पर 100 एकड़ से ज्यादा जगह मांगी गई है।

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