शिकायतें अनसुनी: अन्य प्रोफेसर पर भी उठ चुकी हैं अंगुलियां
रादुविवि की छवि फिर दागदार, दोहराया किस्मत-अस्मत कांड!
तत्काल नहीं होती कार्रवाई
जानकारों की मानें तो विश्वविद्यालय प्रशासन कई बार शिकायतों को गम्भीरता से नहीं लेता, इससे गलत काम करने वालों को शह मिलती है। तुरंत कार्रवाई नहीं होने से पीडि़त छात्रा को मजबूरन थाने में शिकायत करना पड़ती है। मेडिकल सेक्स स्कैंडल मामले में भी एक छात्रा को सामने आना पड़ा था।
2011 में सामने आया था मामला
मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की परीक्षा में पास करने के बदले छात्रा से ‘किस्मत के बदले अस्मत’ का सौदा करने का मामला वर्ष 2011 में सामने आया था। इस मामले में विवि के पूर्व कुलसचिव विजय शर्मा, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एसएस राणा, रविंद्र काकोडिया, प्रो. डीएन शुक्ला, राजू खान, संजय यादव, संतोष यादव, इंद्रलाल, मुद्रिका तिवारी, प्रदीप शुक्ला, जयदीप सहित एक छात्रा को आरोपी बनाया गया था।
कई आरोपियों को जेल
‘किस्मत के बदले अस्मत’ मामले में आरोपियों के खिलाफ विशेष एसटी-एससी सेल में धारा 294, 323, 384, 506, 327, 408, 409, 468, 469, 471, 201 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए। इस बीच कई आरोपियों को जेल की सजा हुई। कई आरोपी सेवानिवृत्त हो गए, कुछ की मौत हो गई। जो आरोपी जीवित हैं, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कुछ आरोपियों पर अभी भी न्यायालय में केस चल रहा है।
विवि में ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी विद्यार्थी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो वह सीधे संपर्क कर सकता है।
– प्रो. कपिलदेव मिश्र, कुलपति, रादुविवि
समस्याओं को सुनने के लिए कार्यालय पूरे समय खुला रहता है। इस तरह की शिकायतें नहीं आईं। छात्र निडर होकर बताएं।
– प्रो. विवेक मिश्रा, डीएसडब्ल्यू