लोक अभियोजकों की जगह अभियोजन अधिकारियों की नियुक्ति पर रोक
जबलपुरPublished: Dec 05, 2019 08:31:39 pm
हाईकोर्ट का निर्देश
जबलपुर. लोक अभियोजकों, अपर लोक अभियोजकों के पदों पर लोक अभियोजन अधिकारियों, अपर लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्तियां करने का आदेश मप्र हाईकोर्ट ने स्थगित कर दिया। यह आदेश प्रमुख सचिव विधि व विधायी कार्य विभाग की ओर से जारी किया गया था। जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार , प्रमुख सचिव विधि विधायी कार्य विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। दो सप्ताह का समय दिया गया।
यह है मामला
जबलपुर के अधिवक्ता आनंद शुक्ला की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि प्रमुख सचिव विधि व विधायी कार्य विभाग का आदेश पूरी तरह विधि विरुद्ध है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 24 (7) के अंतर्गत लोक अभियोजकों, अपर लोक अभियोजकों के पदों पर केवल 7 वर्ष से अधिक अधिवक्ता व्यवसाय के अनुभव वाले अधिवक्ताओं की नियुक्ति ही की जा सकती है। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 25 के अनुसार लोक अभियोजन अधिकारियों, अपर लोक अभियोजन अधिकारियों से भिन्न सहायक लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्ति मजिस्ट्रेट के न्यायालयों में अभियोजन के लिए की जा सकती है।
सनद करानी होती है निलंबित
वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी, आशीष त्रिवेदी, प्रशांत अवस्थी, असीम त्रिवेदी, सुधाकरमणि पटेल, आशीष कुमार तिवारी व अरविन्द सिंह चौहान ने तर्क दिया कि लोक अभियोजन अधिकरियों, अपर लोक अभियोजन अधिकारियों की नियुक्ति व पदोन्नति आदि सेवा शर्तें मध्यप्रदेश पब्लिक प्रॉसीक्यूशन गजटेड सर्विस रिक्रूटमेंट रूल्स 1991 के अधीन होती है। वे सरकार से वेतन भत्ते ग्रहण करते हैं। उन्हें बार काउंसिल से अपनी सनद निलंबित कराना होती है। जबकि अधिवक्ता लोक अभियोजक के रूप में केवल रिटेनर फीस प्राप्त करता है।