कलेक्टर कार्यालय में बुधवार को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और विधायक अशोक रोहाणी की उपस्थिति में आयोजित की गई। इसमें वर्ष 2021-22 के लिए अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य यानी कलेक्टर गाइडलाइन के लिए दरें तय की गईं। अब इन्हें राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति के पास भेजा जाएगा। इस बीच अविकसित क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए वहां अधिकतम 20 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
बाजार मूल्य और गाइडलाइन में देखें अंतर
कलेक्टर शर्मा ने बैठक में कहा कि प्रचलित वेल्यू और कलेक्टर गाइड लाइन की दर में कितना अंतर है उसे देखे और उस हिसाब से अचल संपतियों के बाजार मूल्य तय करें। जो क्षेत्र व्यावसायिक हैं लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में नहीं दिख रहा है उसे व्यावसायिक क्षेत्र में ही रखें और आवश्यक दर बढ़ाएं। अधिग्रहण वाले क्षेत्र में नाममात्र की वृद्धि पर चर्चा हुई।विधायक रोहाणी ने कहा कि रजिस्ट्री में विलंब के कारणों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। साथ ही विकास को देखते हुये बाजार मूल्य का निर्धारण करें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ रिजू बाफना आदि मौजूद थे।
कहां कितनी दरें प्रस्तावित
उप पंजीयक कार्यालय जबलपुर
उप पंजीयक कार्यालय जबलपुर के नगरीय क्षेत्र अंतर्गत भूखंडों की 1 हजार 214 लोकेशन पर 10 से 20 फीसदी की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। वहीं कृषि भूमि के 1 हजार 962 स्थानों पर 10 से 20 फीसदी की वृद्धि का प्रावधान है।
उप पंजीयक कार्यालय सिहोरा
इस क्षेत्र में करीब 160 स्थान तय हैं। यहां भूखंडों के लिए 10 से 20 फीसदी बाजार मूल्य वृद्धि का प्रावधान जिला मूल्यांकर समिति ने किया है। इतने ही स्थान कृषि क्षेत्र के लिए हैं। उनमें भी 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है।
उप पंजीयक कार्यालय पाटन
इस क्षेत्र में करीब 102 स्थान (लोकेशन) तय हैं जिनमें 10 से 30 फीसदी तक बाजार मूल्य की दरें बढ़ाने का प्रावधान किया है। वहीं कृषि भूमि के लिए 102 स्थानों पर 10 से 30 फीसदी मूल्य बढ़ सकता है।
इन्हें भी मिली जगह, सामान्य हुई दरें
कलेक्टर गाइडलाइन के तहत 102 नई कालोनिया एवं क्षेत्रों को जोड़ दिया गया है। इन जगहों की दरें भी तय कर दी गई हैं। अभी यहां पर भी दरें प्रचलित थी लेकिन कहीं सडक़ तो कहीं दूसरे क्षेत्रों से इनका मिलान किया जाता था। इसी प्रकार करीब 145 वे सघन स्थान जहां पर व्यावसायिक गतिविधियां बहुत अधिक हैं उनमें आवासीय एवं व्यावसायिक दरों को सामान्य कर दिया गया है। यानी अब वहां पर अलग-अलग दरें नहीं रहेंगी। इनमें ज्यादा शहर के बीच का हिस्सा है।
नगर निगम सीमा से हटी कृषि भूमि
जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में इस यह भी तय किया गया कि नगरीय क्षेत्रों के अंदरूनी वार्डों में जहां समुचित विकास हो चुका है तथा कृषि भूमि की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई वहां कृषि भूमि की दरें न खोली जाएं। ऐसे करीब 714 स्थान हैं। वहीं सघन व्यवसायिक क्षेत्रों में जिनमें भूमि की दरें लगभग एक समान हो गई हैं वहां आवासीय एवं व्यवसायिक दरें समान रखने का प्रावधान किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखकर वृद्धि प्रस्तावित की गई। एनएच एवं शहर से लगे ग्रामों में विकास को दृष्टिगत रखते हुए मूल्य वृद्धि प्रस्तावित की गई है।