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MP गवर्नमेंट ने ऐसा करके घटा दिया इस पुराने कॉलेज का कद

locationजबलपुरPublished: Jan 06, 2018 12:52:41 am

Submitted by:

sudarshan ahirwa

मप्र उच्च शिक्षा विभाग ने की पीजी कॉलेज की उपेक्षा, स्नातकोत्तर के दर्जे के लिए 8 पीजी विषय जरूरी

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जबलपुर/खितौला. नगर का सबसे पुराना शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। कॉलेज की गुणवत्ता परखने मई माह में पहुंची नैक टीम ने कॉलेज को बी डबल प्लस ग्रेड प्रदान कर नौ विषयों में स्नातकोत्तर, स्नातक में समाजशास्त्र के साथ रोजगारोन्मुखी बीसीए की कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुशंसा की थी, लेकिन विभाग ने पीजी में सिर्फ तीन विषयों की कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति देकर कॉलेज की उपेक्षा की है।

प्रारंभ नहीं हो सकी कक्षाएं

पांच सदस्यीय नैक टीम ने दो दिन तक कॉलेज के सभी संधाधनों का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण में कॉलेज की अध्यापन व्यवस्था, प्रशासन, शैक्षणेत्तर गतिविधियों का मूल्यांकन किया। कॉलेज प्रशासन ने जून 2017 में नैक द्वारा अनुशंसित सभी विषयों की कक्षाएं प्रारंभ करने का प्रस्ताव मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के पास भेजा, लेकिन विभाग की हीला-हवाली के चलते नवीन शिक्षा सत्र 2017 में संबंधित विषयों की कक्षाएं प्रारंभ नहीं हो सकीं।

ये विषय है प्रस्तावित

नैक टीम ने कॉलेज के प्रस्तावित भौतिक शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र, गणित, हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, इतिहास, भूगोल तथा वाणिज्य में स्नातकोत्तर, बीसीए और बीए में नए विषय समाजशास्त्र की कक्षाएं नवीन शिक्षा सत्र जुलाई 2017 से प्रारंभ करने की अनुशंसा की।

नए शिक्षा सत्र के ढाई माह बाद स्वीकृति
उच्च शिक्षा विभाग ने नवीन शिक्षा सत्र के ढाई माह बाद 14 सितम्बर 2017 को आदेश जारी कर कॉलेज में पीजी के केवल तीन विषय हिन्दी, भौतिक शास्त्र एवं गणित स्वीकृति अगले नवीन शिक्षा सत्र 2018 के प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की। प्रस्तावित नौ विषयोंं में से केवल तीन विषय की स्वीकृति मिलने से कॉलेज में स्नातक कक्षाओं में अध्ययन करने वाले छात्रों में जहां निराशा बनी है, वहीं कॉलेज का पीजी का कद कम हुआ है।

पीजी के दर्जें पर संकट

मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग ने पीजी कॉलेज के लिए न्यूनतम आठ विषयों की स्नातकोत्तर कक्षाएं होना अनिवार्य कर दिया है। कॉलेज में तीन विषय (रसायनशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र) की स्नाकोत्तर कक्षाएं पूर्व से हैं। नवीन तीन विषयों की स्नाकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ होने से कॉलेज में कुल छह विषयों की स्नाकोत्तर कक्षाएं ही होंगी। ऐसे में कॉलेज का स्नातकोत्तर होने का दर्जा खत्म होने का खतरा बना रहेगा।

सिर्फ तीन विषयों की स्वीकृति

शासकीय श्यामसुंदर अग्रवाल पीजी कॉलेज, सिहोरा के प्राचार्य डॉ. संतोष जाटव के अनुसार कॉलेज में नैक टीम द्वारा अनुंशसित सभी विषयों में पीजी कक्षाएं प्रारंभ करने के लिए मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के पास प्रस्ताव आवश्यक प्रतिपूर्ति कार्रवाई सहित भेजे गए थे, लेकिन विभाग ने केवल तीन विषयों में स्वीकृति प्रदान की है। शेष छह विषयों की स्वीकृति के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा जनभागीदारी समिति के सहयोग से एक बार पुन: प्रयास किया जाएगा।

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