ऐसे में निर्माणियों में गोला-बारूद सहित अन्य रक्षा सामग्री का उत्पादन ठप हो सकता है। स्थानीय स्तर पर कर्मचारी संगठन भी इस विषय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन (एआइडीइएफ), भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (बीपीएमएस) और इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरेशन (आइएनडीडब्ल्यूएफ) के राष्ट्रीय महामंत्रियों क्रमश: सी. श्रीकुमार, मुकेश सिंह एवं आर. श्रीनिवासन ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। इसमें कहा कि सरकार को इस निर्णय से पहले महासंघों से चर्चा करनी चाहिए। इसके बिना कोई फैसला किया जाता है तो देश की सभी निर्माणियों के कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे।
हिन्द मजदूर सभा ने जताया विरोध
हिन्दू मजदूर सभा के प्रदेश सचिव नेमसिंह ने बताया कि सभा के राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आयुध निर्माणियों एवं रेलवे के निगमीकरण को खतरनाक बताया है। यह कदम डिफेंस कर्मियों के लिए असंतोष का कारण बनेगा।
राष्ट्रहित में नहीं निगमीकरण
इस विषय पर बीपीएमएस के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं राष्ट्रीय मंत्री रामप्रवेश सिंह ने कहा कि सुरक्षा संस्थानों का निगमीकरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चार जुलाई को महासंघों की बैठक में इस निर्णय के विरोध में एक पत्र आयुध निर्माणी बोर्ड के चेयरमैन को भेजा है। 20 अगस्त को सभी महासंघ संसद भवन के सामने आंदोलन करेंगे। जीसीएफ श्रमिक संघ के महामंत्री राकेश रजक ने कहा कि 22 जुलाई को शाम 7.30 बजे जीसीएफ विद्यानगर गेट पर तीनों यूनियनों की ओर से संयुक्त आमसभा की जा रही है।