इस तरह से होगा रोटेशन
बताया जाता है शिक्षकों की नाराजगी न हो इसके लिए उन्हें रोटेशन क्रम पर भेजा जाएगा। अथार्त एेसे शिक्षकों की तैयार की गई पैनल में बारी-बारी से शिक्षकों को अगले २-२ माहों के लिए संबंधित कमी वाले कॉलेजों में जाकर पढ़ाना होगा। पैनल तैयार करने की जवाबदारी हर जिले के लीड कॉलेजों को सौंपी गई है। शिक्षकों से कोई आवेदन नहीं लिया जाएगा बल्कि सीधे आदेश जारी किए जाएंगे। पहले परखा जाएगा वर्क लोड सूत्रों के मुताबिक किसी कॉलेज से शिक्ष का डिप्लायमेंट करने से पहले उस कॉलेज में वर्क लोड देखा जाएगा। यदि संबंधित शिक्षक पर वर्कलोड कम है अथवा संबंधित विषय में विद्यार्थियों की संख्या कम है पहले एेसे शिक्षकों को डिप्लायमेंट किया जाएगा। कोशिश यह होगी कि पहले नजदीकी कॉलेज से ही स्टाफ की व्यवस्था की जा सके ताकि आने जाने में भी परेशानी न हो।
दहशत में कॉलेजों के शिक्षक
इस निर्णय से कॉलेजों में दहशत का आलम है। अधिकांश अमला दूरस्थ कॉलेजों में जाने को तैयार नहीं है। कॉलेजों में गेस्ट टीचरों के आवेदनों के बाद ज्वाईनिंग के लिए कहा है। यदि इसके बाद भी गेस्ट टीचर नहीं पहुंचते हैं तो एेसी स्थिति में सीधे डिप्लायमेंट की कार्रवाई की जाएगी। वहीं शासन के इस निर्णय को लेकर प्राध्यापकों के बीच दबे शुरू में विरोध शुरू हो गया है। निर्णय के खिलाफ उच्च शिक्षा विभाग को भी शिकायत की गई है।
-कॉलेजों में शैक्षणिक कार्य पूर्ण कराने के लिए अमले का डिप्लायमेंट किया जाना है। इसके लिए लीड कॉलेज ने तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले के कॉलेजों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है।
-डॉ.आर सैम्यूअल, प्राचार्य शासकीय लीड महाकोशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय