जबलपुर

कॉलेजों में पढ़ाई कराने डिप्लायमेंट का ‘फार्मूला ’

कॉलेजों में पढ़ाई कराने डिप्लायमेंट का ‘फार्मूला ’अब प्रोफेसरों का होगा डिप्लायमेंट, लीड कॉलेजों को सौंपी जाएगी कमान, रोटेशन क्रम में पदस्थापना की कवायद, दो- दो माह के लिए होगा डिप्लायमेंट

जबलपुरJul 09, 2019 / 12:06 pm

Mayank Kumar Sahu

Providing education in colleges deployment of ‘formula’

जबलपुर।

कॉलेजों में शिक्षकों की कमी खत्म करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रोफेसरों के डिप्लायमेंट का नया फार्मूला निकाला है। कॉलेजों में अध्यापन कार्य कराने वाले एेसे प्राध्यापकों को चयनित कर अब एेसे कॉलेजों में पढ़ाने के लिए भेजा जाएगा जहां शिक्षकों की कमी लंबे समय से बनी है। इससे दूर दराजों के कॉलेजों में चौपट हो रही पढ़ाई पटरी पर आएगी तो वहीं शिक्षकों की कमी की पूर्ति हो सकेगी। जिले में ही करीब आधा दर्जन से अधिक एेसे कॉलेज हैं जहां शिक्षकों की कमी बनी है। एेसे में प्रोफेसरों के डिप्लायमेंट की योजना इन कॉलेजों के लिए संजीवनी बूटी की तरह होगी।प्रतिभावन कर्मचारियों पर नजरकॉलेजों में प्रतिभावान कर्मचारियों, शिक्षकों पर नजर है। जिन्हें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में भेजा जाएगा। इसमें शिक्षकीय वर्ग के साथ कर्मचारी वर्ग भी होगा। फिलहाल जिले के कॉलेजों से जानकारी एकत्रित करानी शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों एवं शिक्षकों की आवश्यकताओं की जानकारी मांगी गई है।

इस तरह से होगा रोटेशन

बताया जाता है शिक्षकों की नाराजगी न हो इसके लिए उन्हें रोटेशन क्रम पर भेजा जाएगा। अथार्त एेसे शिक्षकों की तैयार की गई पैनल में बारी-बारी से शिक्षकों को अगले २-२ माहों के लिए संबंधित कमी वाले कॉलेजों में जाकर पढ़ाना होगा। पैनल तैयार करने की जवाबदारी हर जिले के लीड कॉलेजों को सौंपी गई है। शिक्षकों से कोई आवेदन नहीं लिया जाएगा बल्कि सीधे आदेश जारी किए जाएंगे। पहले परखा जाएगा वर्क लोड सूत्रों के मुताबिक किसी कॉलेज से शिक्ष का डिप्लायमेंट करने से पहले उस कॉलेज में वर्क लोड देखा जाएगा। यदि संबंधित शिक्षक पर वर्कलोड कम है अथवा संबंधित विषय में विद्यार्थियों की संख्या कम है पहले एेसे शिक्षकों को डिप्लायमेंट किया जाएगा। कोशिश यह होगी कि पहले नजदीकी कॉलेज से ही स्टाफ की व्यवस्था की जा सके ताकि आने जाने में भी परेशानी न हो।

दहशत में कॉलेजों के शिक्षक

इस निर्णय से कॉलेजों में दहशत का आलम है। अधिकांश अमला दूरस्थ कॉलेजों में जाने को तैयार नहीं है। कॉलेजों में गेस्ट टीचरों के आवेदनों के बाद ज्वाईनिंग के लिए कहा है। यदि इसके बाद भी गेस्ट टीचर नहीं पहुंचते हैं तो एेसी स्थिति में सीधे डिप्लायमेंट की कार्रवाई की जाएगी। वहीं शासन के इस निर्णय को लेकर प्राध्यापकों के बीच दबे शुरू में विरोध शुरू हो गया है। निर्णय के खिलाफ उच्च शिक्षा विभाग को भी शिकायत की गई है।

-कॉलेजों में शैक्षणिक कार्य पूर्ण कराने के लिए अमले का डिप्लायमेंट किया जाना है। इसके लिए लीड कॉलेज ने तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले के कॉलेजों से रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है।

-डॉ.आर सैम्यूअल, प्राचार्य शासकीय लीड महाकोशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय

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