हर बच्चे को दवा पिलाने ये है तैयारी-
7 अप्रैल से तीन दिन चलेगा वैक्सीनेशन
5 वर्ष तक के सभी बच्चों को पिलाई जाएगी दवा
3 लाख 85 हजार बच्चों को जिले में पिलाएंगे दवा
2 हजार 83 पोलियो बूथ बनाने का निर्णय
4 हजार 488 कर्मियों की ड्यूटी बूथ वैक्सीनेटर की होगी
50 मोबाइल टीम पहुंच विहीन जगह के लिए
91 ट्रांजिट बूथ, प्रमुख चौराहा, मेला, स्टेशन के लिए
124 पर्यवेक्षक अभियान की निगरानी के लिए तैनात होंगे
हर बार ड्रॉप्स पिलवाएं-
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एस एस दाहिया के अनुसार बच्चे जितने छोटे होते हैं, उन्हें पोलियो इंफेक्शन का खतरा उतना ज्यादा होता है। बार-बार पोलियो की खुराक पिलाने से संक्रमण की आशंका कम होती है। कई बार अभिभावक यह सोचकर कि पहले ड्रॉप पिला चुके हंै, दोबारा अनदेखी करते है। उन्हें यह जानना जरूरी है कि बूस्टर डोज सिर्फ डेढ़ वर्ष तक के बच्चों को पिलाई जाने वाली खुराक में होता है। इसलिए कोशिश करें कि हर बार सरकारी अभियान में बच्चे को पोलियो ड्रॉप्स पिलवाएं।
इनका रखें ध्यान:
– शिशु के जन्म के आधे घंटे बाद पहली बार पोलियो दवा पिलाई जा सकती है, लेकिन आमतौर पर जन्म से 15 दिन के अंदर पोलियो का पहला टीका दिया जाता है। इसे जीरो डोज कहते है।
– बच्चे का नियमित टीकाकरण हो रहा है। उसे एक-दो दिन पहले ही पोलियो ड्रॉप दी गई है तो भी सरकारी अभियान के तहत दो बूंद जिंदगी की बच्चे को पिलाया जाना चाहिए।
– बच्चे को बुखार, पेट में समस्या और वह अन्य कोई बीमारी से पीडि़त है तो पोलियो खुराक से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।