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प्रॉपर्टी : शुभ मुहूर्त में बढ़ी सम्पत्ति की खरीदी, रोजाना 200 दस्तावेजों का पंजीयन

locationजबलपुरPublished: Oct 01, 2022 01:36:02 pm

Submitted by:

Lalit kostha

प्रॉपर्टी : शुभ मुहूर्त में बढ़ी सम्पत्ति की खरीदी, रोजाना 200 दस्तावेजों का पंजीयन

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जबलपुर. जिले में अचल सम्पत्ति की खरीदी-बिक्री में तेजी के साथ पंजीयन विभाग का राजस्व भी बढ़ने लगा है। पितृपक्ष के दौरान रजिस्ट्री कराने में आई सुस्ती अब दूर हो गई है। लोग बड़ी संख्या में पंजीयन कार्यालय पहुंचकर मकान, प्लॉट और कृषि भूमि की रजिस्ट्री करा रहे हैं। अभी रोजाना 200 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन होने लगा है। विभाग की रोज की आय भी दो करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

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पंजीयन और राजस्व की स्थिति

पितृपक्ष में मान्यताओं के आधार पर शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इसका असर रजिस्ट्री के काम पर भी हुआ था। 15 दिनों तक शासन का राजस्व घट गया था। सामान्य दिनों में 150 से 200 दस्तावेजों का पंजीयन जिले के चारों उप पंजीयक कार्यालयों में होता है। इसमें 12.50 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में प्रतिदिन डेढ़ से दो करोड़ रुपए की आय होती है। पंजीयन मे कमी और राजस्व संग्रहण पर प्रतिकूल प्रभाव के कारण कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक ने कार्यालयीन समय में वृद्धि कर दी है। इसमें शारदीय नवरात्र का भी ध्यान रखा गया है। इस शुभ अवसर पर लोग बड़ी तादाद में अचल संपत्ति के दस्तावेजों का पंजीयन करवाते हैं। अब सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक कार्यालय खोले जा रहे हैं। आवश्यकता के अनुसार स्लॉट बढ़ाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।

 

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सबसे ज्यादा प्लॉट की बिक्री
अभी सबसे ज्यादा बिक्री प्लॉट की हो रही है। पंजीयन कार्यालय के अनुसार आमतौर पर सभी तरह की अचल संपत्ति के दस्तावेजों का पंजीयन होता है लेकिन नवरात्र पर प्लॉट और मकान की रजिस्ट्री ज्यादा संख्या में हो रही है। कुल रजिस्ट्री में इन दोनों अचल संपत्तियों का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है। इस बीच कार्यालयीन समय बढ़ाने का सकारात्मक असर हुआ है। जिले में पाटन और सिहोरा के अलावा अंधुवा बाइपास और कलेक्टर कार्यालय में उप पंजीयक कार्यालय हैं।

15 दिन 50 लाख के बीच रहा राजस्व
पितृपक्ष में 15 दिनों तक अचल सम्पत्ति के दस्तावेजों की संख्या में भारी कमी देखी गई। यह 80 से लेकर 150 के बीच रही। 10 से 25 सितम्बर तक 50 से 60 लाख रुपए के बीच ही राजस्व आया। इस बीच उन्हीं दस्तावेजों का पंजीयन किया गया जो बहुत जरूरी हैं या जिनका स्लॉट पहले से बुक था। 25 सितंबर के बाद इसमें भारी इजाफा हुआ है।

 

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शासन का आदेश है
नवरात्र पर्व पर बड़ी संख्या में लोग अचल सम्पत्ति के दस्तावेजों का पंजीयन करवा रहे हैं। शासन के आदेश पर कार्यालय भी सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक खोला जा रहा है।
– प्रभाकर चतुर्वेदी, परिक्षेत्रीय उप महानिरीक्षक, पंजीयन

तिथि – पंजीकृत दस्तावेज – राजस्व
1 सितंबर 148 1.68 करोड़
2 सितंबर 181 1.91 करोड़
5 सितंबर 178 1.81 करोड़
6 सितंबर 202 1.91 करोड़
7 सितंबर 185 2.21 करोड़
8 सितंबर 220 3.55 करोड़
12 सितंबर 168 1.87 करोड़
13 सितंबर 127 0.66 लाख
14 सितंबर 80 0.56 लाख
15 सितंबर 157 1.20 करोड़
16 सितंबर 138 0.87 लाख
19 सितंबर 126 0.73 लाख
20 सितंबर 133 0.82 लाख
21 सितंबर 89 0.53 लाख
22 सितंबर 95 0.66 लाख
23 सितंबर 115 0.55 लाख
26 सितंबर 116 1.07 करोड़
27 सितंबर 189 1.92 करोड़
28 सितंबर 193 1.74 करोड़
29 सितंबर 206 1.71 करोड़

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