ट्रेनों में पानी भरने का यह सिस्टम पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है। टंकी में पानी भरने के लिए बूस्टर पंप लगाए जाएंगें। बूस्टर पंप एक मिनट में 200 लीटर पानी भरेगा। जिससे मात्र छह मिनिट में १८०० लीटर की कोच की पानी की टंकी भर जाएगी। जबकि पुरानी व्यवस्था में हाथ से पाइप लगाने पर एक मिनिट में महज ५० लीटर पानी ही टंकी तक पहुंच पाता था। जिससे टंकी फुल नहीं होती थी और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
इन स्टेशनों पर भी होगी व्यवस्था
इन स्टेशनों पर भी होगी व्यवस्था
जबलपुर समेत क्विक वाटरिंग सिस्टम इटारसी, भोपाल, हबीबगंज और कटनी रेलवे स्टेशनों पर भी इंस्टॉल किया जाएगा। इस योजना के लिए रेलवे ने २.३० अरब रुपए मंजूर किए हैं। रेलवे बोर्ड के उपनिदेशक मनीष तिवारी ने जल्द से जल्द इस योजना पर कार्य करने के निर्देश भी सभी जोनों को दे दिए हैं।
गर्मी में होती थी परेशानी
गर्मी में होती थी परेशानी
गर्मी के दिनों में कोच में पर्याप्त पानी न होने के कारण कई बार ट्रेनों में हंगामे की स्थिति बन जाती थी। कभी यात्री चैन पुलिंग कर देते थे, जो कभी कभी उन लाइनों पर ट्रेन नहीं आती थी, जहां से पानी की सप्लाई कोचों पर होती है, एेसे में ट्रेनों में पानी नहीं भर पाता था और बिना पानी के ही कोचें रवाना करनी पड़ती थीं।
वॉल्व मैन नहीं खोलेग वॉल्व
वॉल्व मैन नहीं खोलेग वॉल्व
वर्तमान व्यवस्था में जब ट्रेन प्लेटफार्म पर आती है, तो पाइप लगाने के बाद वॉल्व मैन द्वारा वॉल खोले जाते हैं। यह वॉल्व सभी प्लेटफार्म पर लगे पाइप लाइनों से जुड़े होते हैं, जिस कारण प्रेशर कम होता है। लेकिन नई व्यवस्था पूरी तरह कंप्यूटरीकृत होगी और उसी प्लेटफार्म की पाइप लाइन चालू होगी, जहां ट्रेन है। इतना ही नहीं टंकी भरते ही यह ऑटोमैटिक बंद भी हो जाएगी।