नक्षत्र- चरसंज्ञक तिर्यड़मुख नक्षत्र पुनर्वसु दोपहर 2.17 तक उपरंात मंगलकारी नक्षत्र पुष्य रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र में क्रय विक्रय, पौधरोपण वाहन क्रय विक्रय, व्यापारारंभ, नवीन व्यापारारंभ जैसे कार्य शुभ माने जाते हैं, परंतु चातुर्मास में देव शयन के कारण मंागलिक तथा शुभ कार्य निशिद्ध रहते हैं, समय शुद्धि होने पर मंगलकारी कार्य सुखद रहते हैं।
शुभ मुहूर्त – आज जया तिथि के दिन पत्र लेखन कर्जनिपटारा, मित्र मिलन, सुखद कार्य, औषधि सेवन, जैसे कार्य मंगलकारी माने जाते हैं। जन हितैषी कार्य हेतु आज का दिन शुभ है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 10.30 शुभ दोपहर 1.30 से 6.00 चर, लाभ, अमृत तथा रात्रि 6.00 से 7.30 बजे तक चर की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव- आज : अहाई अष्टमी, राधाष्टमी तथा राधा जयंती का व्रत व्रतोत्सव पर्व रहेगा। भगवती श्री राधारानी की आराधना कल्याणकारी रहेगी।
चन्द्रमा : प्रात: 8.44 तक मिथुन राशि में उपरंात कर्क राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के तुला राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित है, सूर्य का चित्रा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल पूर्व दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: प्रात: 7.30.00 बजे से 9.00.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर के,को,का, ही अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मिथुनतथा राशि स्वामी बुध होते हंै। मिथुन राशि में जन्मे जातकों का स्वभाव प्राय: विनम्र, कार्यकुशल, कुशल वक्ता, शिल्पकार, स्वतंंत्र व्यवसाय के विशेष रुचि रखने वाले, उदारवादी, चंचल तथा अधिक मित्र वाले होते हैं। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता तथा उन्नति मिलती है।