Railway 21 जिलों में आठ थाने, छह चौकियों पर है यात्रियों व ट्रेनों की सुरक्षा का जिम्मा
जबलपुरPublished: Sep 20, 2019 09:29:18 pm
ट्रेनों में अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रयास नाकाफी
नए चौकी और थाने बनाए जाने का प्रस्ताव
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जबलपुर. पिछले कुछ वर्षों में रेलवे स्टेशनों के उन्नयन के साथ ट्रेनों और यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। लेकिन, ट्रेनों और प्लेटफॉर्म पर बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास नाकाफी रहे। वर्तमान में 21 जिलों के रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा आठ जीआरपी थानों और छह चौकियों पर निर्भर है। न तो रेलवे ने इसके उन्नयन का प्रयास किया न ही आला अफसरों ने। हाल ही में नए जीआरपी थाने और चौकियां खोलने समेत बल बढ़ाने की कवायद शुरू हुई है। इसके लिए जीआरपी के अफसर पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी प्रयास कर रहे हैं।
नया प्रस्ताव
स्टेशन : वर्तमान स्थिति : प्रस्ताव
पिपरिया : चौकी : थाना
मुड़वारा : कुछ नहीं : थाना या चौकी
दमोह : कुछ नहीं : थाना या चौकी
श्रीधाम/नरसिंहपुर : कुछ नहीं : थाना या चौकी
बागरातवा : कुछ नहीं : चौकी
डाभौरा : कुछ नहीं : चौकी
यहां चौकी न बल : खजुराहो, निमाणी, ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर, हरपालपुर।
यहां नहीं जीआरपी की सुरक्षा : खजुराहो से झांसी तक
जीआरपी के अधिकारियों और जवानों के वेतन-भत्तों का 50 प्रतिशत रेलवे को वहन करना पड़ता है। शेष 50 प्रतिशत वेतन-भत्ता समेत अन्य सुविधाएं प्रदेश शासन देता है। जानकारों की मानें तो नए थाने खोलने और चौकियों के उन्नयन का प्रस्ताव रेलवे के अधिकारियों के पास तो जाता है, लेकिन 50 प्रतिशत वेतन के चक्कर में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
जीआरपी का स्टाफ
एसपी 01
जिले 21
थाने 08
चौकियां 06
कुल बल 600
वर्तमान में ट्रेनों में पेट्रोलिंग : 100
इन रूटों पर जीआरपी की पेट्रोलिंग
– इटारसी से मानिकपुर
– कटनी से पेंड्रा रोड
– कटनी से दमोह होकर बीना
वर्जन
यात्रियों और टे्रनों की सुरक्षा की दृष्टि से वर्तमान में कुछ स्टेशनों पर चौकी या थाना होना आवश्यक है। इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं।
सुनील जैन, एसपी, रेल