जबलपुर। जबलपुर-इटारसी रेलखंड में इटारसी-छिवकी एक्सप्रेस का एक डिब्बा रेल ट्रैक पर रखी लोहे की छड़ से टकराकर पटरी से उतरा था। ये खुलासा पश्चिम मध्य रेल की ओर से दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में हुआ है। रेल अधिकारियों ने शरारती तत्वों द्वारा टे्रन को गिराने की साजिश के तहत रेल पथ पर लोहे का टुकड़ा रखने की आशंका जताई है। बुधवार रात बोहानी स्टेशन के पास हुए हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है। इस संबंध में पश्चिम मध्य रेल जोन के महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह ने गुरुवार को निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि रेलवे का सुरक्षा तंत्र इस मामले में फेल हुआ है। रेल हादसे के बाद पटरियों की निगरानी में चूक माना जा रहा है। स्टेशन के आउटर पर प्वाइंट के पास घटना होने से इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है। प्वाइंट की रेल कर्मियों की लगातार जांच नहीं करने और ड्यूटी में ढिलाई की बात भी कही जा रही है। रेल पटरियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा मोटे रॉड रखकर चले जाने और इसकी भनक तक नहीं लगने से आरपीएफ की गश्ती पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इटारसी से चलकर छिवकी (प्रयागराज) जाने वाली ट्रेन 01117 बुधवार की रात को लगभग 8 बजे जैसे ही बोहानी के करीब पहुंची तो तीसरे नंबर के एक डिब्बे के चार पहिए पटरी से उतर गए। बताया जा रहा है कि हादसा होम सिग्नल से लूप लाइन की ओर मुडऩे के दौरान प्वाइंट 102 के पास हुआ। स्टेशन के आउटर पर होने के कारण ट्रेन धीमी गति से चल रही थी। चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत इमरजेंसी का उपयोग करते हुए ट्रेन को रोक दिया। इससे एक डिब्बा ही पटरी से उतर पाया। ट्रेन पलटने का बड़ा खतरा टल गया।
300 एमएम का टुकड़ा
रेल हादसे के बाद आरपीएफ ने भी घटनास्थल के आसपास छानबीन शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार रेल पटरी पर रखा मिला लोहे की छड़ का टुकड़ा करीब 300 एमएम का है। आशंका है कि शरारती तत्वों ने जानबूझकर नुकसान के इरादे से यह कृत्य किया है। इसे अंजाम देने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए आरपीएफ ने अलग टीम गठित की है। घटना स्थल और रेल पटरी के आसपास रहने वाले संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। हादसे की सूचना पाकर पमरे मुख्यालय से राहत एवं बचाव कार्य के लिए ट्रेन रवाना हुई। डीआरएम संजय बिश्वास भी रात में तुरंत मौके पर पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटे की कवायद के बाद क्रेन की मदद से डिब्बे को पटरी पर चढ़ा लिया गया। इस दौरान इटारसी-जबलपुर के बीच कुछ ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों पर रोक-कर रखा गया। रात 1 बजे तक यातायात बहाल हो गया।