इलेक्ट्रिफिकेशन भी साथ-साथ
कटनी-सिंगरौली रेलखंड दोहरीकरण योजना की लागत स्वीकृति के करीब 1 हजार 763 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस योजना में रेलपथ दोहरीकरण के साथ ही इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य भी हो रहा है। इसलिए दूसरी लाइन बिछने के साथ ही विद्युत इंजन से ट्रेन दौड़ेगी।
100 केएमपीएच तक रफ्तार
कटनी-सिंगरौली के बीच अभी सिंगल लाइन है। इस मार्ग पर गुड्स ट्रेनों का दबाव ज्यादा है। इसके कारण यात्री ट्रेनों की चाल कई बार प्रभावित होती है। पश्चिम मध्य रेल की योजना कटनी-सिंगरौली डबल लाइन बनने के बाद इस रेलखंड पर टे्रनों की चाल बढ़ाने की है। ट्रेनों की रफ्तार बढकऱ सौ किमी प्रतिघंटा तक हो जाएगी।
वर्जन
कटनी-सिंगरौली रेलखंड पर दूसरी लाइन बिछाई जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण योजना है। 21 किमी बिछाई गई लाइन का सीआरएस हुआ है। दोहरीकरण के कार्य को तेजी से पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
– राहुल जयपुरियार, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, पश्चिम मध्य रेल
कटनी-सिंगरौली रेलखंड दोहरीकरण योजना की लागत स्वीकृति के करीब 1 हजार 763 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस योजना में रेलपथ दोहरीकरण के साथ ही इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य भी हो रहा है। इसलिए दूसरी लाइन बिछने के साथ ही विद्युत इंजन से ट्रेन दौड़ेगी।
100 केएमपीएच तक रफ्तार
कटनी-सिंगरौली के बीच अभी सिंगल लाइन है। इस मार्ग पर गुड्स ट्रेनों का दबाव ज्यादा है। इसके कारण यात्री ट्रेनों की चाल कई बार प्रभावित होती है। पश्चिम मध्य रेल की योजना कटनी-सिंगरौली डबल लाइन बनने के बाद इस रेलखंड पर टे्रनों की चाल बढ़ाने की है। ट्रेनों की रफ्तार बढकऱ सौ किमी प्रतिघंटा तक हो जाएगी।
वर्जन
कटनी-सिंगरौली रेलखंड पर दूसरी लाइन बिछाई जा रही है। यह एक महत्वपूर्ण योजना है। 21 किमी बिछाई गई लाइन का सीआरएस हुआ है। दोहरीकरण के कार्य को तेजी से पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
– राहुल जयपुरियार, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, पश्चिम मध्य रेल