जबलपुर रेल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो ‘एटीएम जैकेट’ के जरिए लाखों रुपये लेकर गुजरात जा रहे थे। पुलिस भी ‘एटीएम जैकेट’ जैकेट को देख हैरान रह गई। जब इससे नोटों का जखीरा निकलने लगा। एक-दो लाख नहीं पूरे 21 लाख से ज्यादा रुपये इस जैकेट में थे।
जबलपुर-बांद्रा एक्सप्रेस पर था सवार
दरअसल, दोनों युवक 21 लाख 11 हजार रुपए लेकर जबलपुर-बांद्रा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन से गुजरात जाने की फिराक में थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि यह रकम अहमदाबाद की एक कंपनी की है। लेकिन दोनों के पास इससे जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि यह रकम कहां से आई और किसकी है।
दरअसल, दोनों युवक 21 लाख 11 हजार रुपए लेकर जबलपुर-बांद्रा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन से गुजरात जाने की फिराक में थे। पूछताछ में दोनों ने बताया कि यह रकम अहमदाबाद की एक कंपनी की है। लेकिन दोनों के पास इससे जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि यह रकम कहां से आई और किसकी है।
आयकर विभाग को दी सूचना
जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा ने बताया कि मुखिबर से सूचना मिली कि दो युवक बड़ी रकम के साथ प्लेटफॉर्म पर पहुंचे हैं, जो गुजरात जा रहे हैं। जांच के दौरान प्लेटफॉर्म नंबर एक पर मौजूद गुजरात के पाटन जिले स्थित ग्राम रूपपुर के रहने वाले पत्थू ठाकोर और संजय कुमार दवे को पकड़ा गया।
जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा ने बताया कि मुखिबर से सूचना मिली कि दो युवक बड़ी रकम के साथ प्लेटफॉर्म पर पहुंचे हैं, जो गुजरात जा रहे हैं। जांच के दौरान प्लेटफॉर्म नंबर एक पर मौजूद गुजरात के पाटन जिले स्थित ग्राम रूपपुर के रहने वाले पत्थू ठाकोर और संजय कुमार दवे को पकड़ा गया।
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जीआरपी थाना प्रभारी ने कहा कि पकड़े गए युवकों में से जब संजय की तलाशी ली गई तो उसके पास के कुछ नहीं मिला। फिर पत्थू की जांच की गई तो उसके पैंट की जेब से एक लाख रुपये निकली। फिर जीआरपी ने बैग चेक किए, लेकिन कुछ नहीं मिला। संदेह होने पर जब उसकी शर्ट उतरवाई गई तो देखा कि उसने अंदर एक जैकेट पहन रखी थी, जिसमें बाकी के 20 लाख रुपये थे।
जीआरपी थाना प्रभारी ने कहा कि पकड़े गए युवकों में से जब संजय की तलाशी ली गई तो उसके पास के कुछ नहीं मिला। फिर पत्थू की जांच की गई तो उसके पैंट की जेब से एक लाख रुपये निकली। फिर जीआरपी ने बैग चेक किए, लेकिन कुछ नहीं मिला। संदेह होने पर जब उसकी शर्ट उतरवाई गई तो देखा कि उसने अंदर एक जैकेट पहन रखी थी, जिसमें बाकी के 20 लाख रुपये थे।
जबलपुर में ही रहते हैं दोनों
पूछताछ में दोनों बताया कि शहर के विजय नगर घड़ी चौक के पास किराए के मकान में दोनों रहते हैं। दोनों अहमदाबाद की रामाभाई मोहनादास कंपनी में कार्यरत हैं, जो व्यापारियों को रुपये फाइनेंस करती है। कंपनी में संजय जबलपुर का प्रभारी है और पत्थू उसके अंडर में काम करता है।
पूछताछ में दोनों बताया कि शहर के विजय नगर घड़ी चौक के पास किराए के मकान में दोनों रहते हैं। दोनों अहमदाबाद की रामाभाई मोहनादास कंपनी में कार्यरत हैं, जो व्यापारियों को रुपये फाइनेंस करती है। कंपनी में संजय जबलपुर का प्रभारी है और पत्थू उसके अंडर में काम करता है।
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जीआरपी थाना प्रभारी नेमा ने कहा कि दोनों युवक फाइनेंस की बात कर रहे हैं, लेकिन प्राथमिक तौर पर यह लग रहा है कि यह रकम हवाला की है। शहर के व्यापारियों को कंपनी द्वारा पहले रकम मुहैया कराई जाती है और फिर उनसे यह रकम वापस ले ली जाती है। वहीं इस कंपनी के द्वारा एक लाख में तीन सौ रुपये के कमीशन में देश में कहीं भी रकम पहुंचा दी जाती है।
जीआरपी थाना प्रभारी नेमा ने कहा कि दोनों युवक फाइनेंस की बात कर रहे हैं, लेकिन प्राथमिक तौर पर यह लग रहा है कि यह रकम हवाला की है। शहर के व्यापारियों को कंपनी द्वारा पहले रकम मुहैया कराई जाती है और फिर उनसे यह रकम वापस ले ली जाती है। वहीं इस कंपनी के द्वारा एक लाख में तीन सौ रुपये के कमीशन में देश में कहीं भी रकम पहुंचा दी जाती है।