scriptrain impact : जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे | rain impact : Ramkharia-Katra Bridge shed in rain | Patrika News
जबलपुर

rain impact : जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे

सिहोरा तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर रमखिरिया-कटरा मार्ग पर बरनू नदी पर बना पुल गुरुवार को हुई तेज बारिश में बह गया। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से पुल के दूसरी ओर के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं।

जबलपुरAug 21, 2019 / 01:10 am

praveen chaturvedi

students crossing the river

students crossing the river

सिहोरा। सिहोरा तहसील मुख्यालय से 12 किमी दूर रमखिरिया-कटरा मार्ग पर बरनू नदी पर बना पुल गुरुवार को हुई तेज बारिश में बह गया। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से पुल के दूसरी ओर के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से पुल के दोनों ओर बेरिकेडिंग कर बैनर लगाया गया है। बैनर पर क्षतिग्रस्त पुलिया को पार नहीं करने की चेतावनी भी लिखी गई है। पुल पर किसी की तैनाती नहीं होने से पुल के दूसरी तरफ के गांवों के छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डाल रहे हैं।

200 से अधिक छात्र प्रभावित
पुल के दूसरी तरफ बसे गांव के दो सौ से अधिक छात्र-छात्राएं रमखिरिया गांव स्थित हाई स्कूल आते हैं। कटरा और रमखिरिया गांव के बीच बरनू नदी पर बना पुल बच्चों के स्कूल पहुंचने का एकमात्र रास्ता था। पुल बहने के बाद इन गांवों के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। मंगलवार को पुल के दूसरी तरफ के गांव के बच्चे कांधे पर बस्ता टांग कर बरनू नदी के बीच स्कूल पहुंचे।


कम हो गई उपस्थिति
बताया गया कि रमखिरिया हाई स्कूल में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 400 है। इनमें से दो सौ छात्र.छात्राएं कटरा, खमरिया, सिमरिया मान, पंचकुटी, घुटना, अतरिया, भदम, दौरा और देवरी गांव से स्कूल आते हैं। स्कूल जाने का दूसरा रास्ता नहीं होने से मंगलवार को स्कूल में उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम रही।


नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था
बारिश से पुल बहने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने दोनों तरफ बेरिकेड्स और चेतावनी के बैनर लगाकर खानापूर्ति कर दी। वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर छह दिन बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि बारिश में पुल ढहने की आशंका पहले से ही थी, लेकिन समय रहते जिम्मेदारों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

डेढ़ किमी दूर है वैकल्पिक मार्ग
सिहोरा एसडीएम गौरव बैनल ने कहा कि पुल के दूसरी तरफ बसे गांव के लोगों और स्कूली छात्र-छात्राओं के स्कूल जाने के लिए डेढ़ किलोमीटर दूर एक वैकल्पिक रास्ता है। पुल पर पानी अधिक होने से अभी उसकी मरम्मत या पुनर्निर्माण कराना सम्भव नहीं है। यदि छात्र-छात्राएं स्कूल जाने के लिए बीच नदी से निकल रहे हैं तो उसे दिखाया जाएगा।

Home / Jabalpur / rain impact : जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो