scriptपेड़ होने के बावजूद कम बारिश, लेकिन सिस्टम बनने में भी यही कारगर | Raining in less forest area | Patrika News
जबलपुर

पेड़ होने के बावजूद कम बारिश, लेकिन सिस्टम बनने में भी यही कारगर

-जिले की छह तहसीलों में अब तक हुई बारिश की पड़ताल में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

जबलपुरSep 04, 2018 / 09:12 pm

Mukesh Vishwakarma

Nagaur patrika

So neither earth will live nor human …

जबलपुर. जिले की छह तहसीलों में अब तक कहीं कम और कहीं ज्यादा बारिश होने की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में ज्यादा वन वाले क्षेत्र में कम और कम वन वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होने के पीछे की वजह वैज्ञानिक जलवायु असंतुलन को बता रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है, जहां ज्यादा पेड़ होते हैं, वहां पर बारिश अच्छी होती ही है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो भी वो बारिश के लिए सिस्टम बनाने में कारगर होते हैं। मानसून की अच्छी बारिश सिस्टम बनने से ही होती है, इसलिए जरूरी है कि पेड़ ज्यादा से ज्यादा हों।
शहरी क्षेत्र की घनी आबादी के लिहाज से जबलपुर रेंज में महज 4 फीसदी वन क्षेत्र है और यहां अब तक 993.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जबकि, 12.81 प्रतिशत वन क्षेत्र वाले शहपुरा में 620.9 मिमी बारिश हुई है। पाटन क्षेत्र में कम वन क्षेत्र के बारिश ज्यादा हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है, सामान्यत: मानसून सीजन 15 सितम्बर तक माना जाता है, लेकिन कुछ वर्षों से बारिश अक्टूबर तक भी दर्ज की जा रही है।
सीजन में बारिश :

क्षेत्र- बारिश (मिमी )- वन क्षेत्र का प्रतिशत

जबलपुर 993.7- 4.03

पनागर- 1034.4- 19.41

कुंडम- 1288.2- 12.25

पाटन- 966.5- 5.93

शहपुरा- 620.9 – 12.81
सिहोरा- 1222.6- 11.91

जलवायु असंतुलन से सिस्टम होता है प्रभावित:

पेड़ों की वजह से मौसम का संतुलन बनता है। पेड़ों की कमी से जलवायु परिवर्तन या असंतुलन की स्थिति निर्मित हो रही है। हालांकि, मानसूनी बारिश में सिस्टम का असर होता है। यह कह सकते हैं कि जलवायु असंतुलन से मानसून का सिस्टम प्रभावित होता है।
डॉ.मनीष भान, मौसम वैज्ञानिक, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय

पेड़ों से मानसूनी हवा होती है प्रभावित:
जहां जंगल ज्यादा है, वहां ज्यादा बारिश होनी चाहिए। जंगल अपर्याप्त होने से मौसम असंतुलित हो रहा है। असमान बारिश का कारण हरियाली की कमी ही है। पेड़ों के असर से मानसूनी हवा प्रभावित होती हैं, कमजोर सिस्टम की दिशा परिवर्तित हो जाती है।
प्रो. एचबी पालन, रिटायर्ड प्रोफेसर

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