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मध्यप्रदेश के हिस्से की बिजली से रोशन हो रहा यह राज्य

locationजबलपुरPublished: Apr 23, 2018 02:25:59 pm

Submitted by:

reetesh pyasi

केंद्रीय नियामक आयोग में चल रहा मामला, 890 करोड़ रुपए भी बकाया

electricity

government new electricity rules 2018

जबलपुर। राजस्थान बिजली बोर्ड मप्र के हिस्से की 78 मेगावाट बिजली नहीं दे रहा। यह बिजली डेढ़ रुपए प्रति यूनिट की पड़ती है। अनुबंध के मुताबिक 370 करोड़ यूनिट बिजली हर साल मप्र को मिलनी चाहिए। इसकी कीमत लगभग 56 करोड़ रुपए होती है।

890 करोड़ रुपए वसूली का दावा
राजस्थान सरकार बिजली के साथ बकाया पैसे भी नहीं दे रही है। जबकि, उससे ब्याज सहित 890 करोड़ रुपए वसूली का दावा केंद्रीय नियामक आयोग में पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने किया है। यह पैसे मिल जाएं, तो प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली के रूप में राहत मिल सकती है।

बराबर मात्रा में आवंटित होनी थी बिजली

मप्र बिजली बोर्ड और राजस्थान बिजली बोर्ड को संयुक्त उपक्रम के तहत राजस्थान जवाहर सागर राणाप्रताप, गांधी सागर और सारिणी यूनिट से उत्पादित बिजली बराबर मात्रा में आवंटित होनी थी। जवाहर सागर व राणा प्रताप जल विद्युत परियोजनाएं राजस्थान में हैं। दोनों की क्षमता 172 मेगावाट है। जबकि, गांधी सागर जल विद्युत मप्र में है और इसकी क्षमता 115 मेगावाट है। वर्ष 2011-12 में सारिणी की 312 मेगावाट की पांच पुरानी यूनिट बंद होने के बाद एमपी को राजस्थान से अपने हिस्से का 78 मेगावाट बिजली मिलना चाहिए था, जिसे राजस्थान बिजली बोर्ड अब तक नहीं दे रहा।

राजस्थान की ओर से स्वीकार 375 करोड़

इस बिजली की कीमत और प्लांट चलाने का खर्च मिलाकर 890 करोड़ रुपए का दावा पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने केंद्रीय नियामक आयोग के समक्ष पेश किया है। 10 अप्रैल को सुनवाई में पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने राजस्थान बिजली बोर्ड की ओर से स्वीकार 375 करोड़ की राशि और मप्र के हिस्से की बिजली तुरंत देने की बात रखी। जबकि, अन्य बकाया राशि को लेकर नियामक आयोग के फैसले आने तक इंतजार करने की सहमति दी।
फैक्ट
370 करोड़ यूनिट बिजली हर साल मप्र को मिलनी चाहिए
56करोड़ रुपए इसकी कीमत
890 करोड़ ब्याज सहित वसूली का दावा
890 करोड़ प्लांट चलाने का खर्च

राजस्थान बिजली बोर्ड से मप्र के हिस्से की बिजली और 890 करोड़ रुपए लेनदारी वसूलने के लिए सीआरसी में प्रकरण चल है।
संजय कुमार शुक्ल, एमडी, पावर मैनेजमेंट कम्पनी
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