जबलपुर

राज्यसभा सांसद ने कहा, बूढ़े हो गए हैं मोदी… कुर्सी छोड़ें, वीडियो में देखें क्या दी सलाह

राज्यसभा सांसद ने कहा बूढ़े हो गए हैं मोदी

जबलपुरJan 13, 2019 / 03:26 pm

Premshankar Tiwari

नरेन्द्र मोदी

जबलपुर। मोदी अब बूढ़े हो गए हैं, उन्हें कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह सलाह राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने दी है। तन्खा मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में तन्खा ने कहा कि राहुल गांधी में अलग ऊर्जा है। भारत ही नहीं उन्हें विदेशों में भी महत्व मिल रहा है। उनकी दुबई यात्रा में 75 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। यह राहुल गांधी की लोकप्रियता का प्रमाण है। मोदीजी का तो अब बुढ़ापा आ गया है। वे फेल हो गए हैं।

यूपी में दिखेगी कांग्रेस की ताकत
तन्खा ने कहा कि यूपी के चुनावों में कांग्रेस एक बड़ी ताकत के रूप में उभरकर सामने आएगा। इसे एक बार फिर बड़े वर्ग ने अपनाया है। चार राज्यों में हुए चुनाव इसका प्रमाण हैं। उल्लेखनीय है कि विवेक तन्खा की गिनती देश के बड़े वकीलों में होती है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने व्यापम घोटाले को कोर्ट तक पहुंचाने में बेहतर रोल निभाया। वह तन्खा ही थे जिन्होंने कांग्रेस की मदद कर रहे व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय, प्रशांत पांडे और आशीष चतुर्वेदी की राहुल और सोनिया गांधी से मुलाकात कराई थी।

नकली मतदाताओं का मुद्दा
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा मध्य प्रदेश में प्रचार के दौरान चुनाव आयोग से राज्य में 60 लाख नकली मतदाता होने की शिकायत की थी। इसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की। वह एमपीसीसी अध्यक्ष पद का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री को नामित करने वाली कमेटी में भी शामिल थे। इसी साल अप्रैल में जबलपुर में पार्टी द्वारा आयोजित ‘विधान विमर्श’ कार्यक्रम में तन्खा ने कांग्रेस के लिगल सेल के अध्यक्ष के तौर पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों की मेजबानी की थी.

यहां भी अहम रोल
संस्कारधानी के निवासी पूर्व महाधिवक्ता विवेक तन्खा को कांग्रेस ने 2016 में राज्यसभा में भेजा था। उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार को बर्खास्त किए जाने के मामले सहित वह कई मौके पर पार्टी के लिए कारगर साबित हुए हैं। बाद में 2016 में अरुणाचल प्रदेश में भी उन्होंने ऐसी ही भूमिका निभाई थी। सांसद विवेक तन्खा हाईकोर्ट के जस्टिस आरके तन्खा के बेटे हैं। वह कश्मीरी पंडित हैं जो बंटवारे के दौरान जबलपुर में आकर बस गए थे. उनका परिवार हमेशा नेहरू-गांधी परिवार के करीब रहा और उनके करीबी लोगों का दावा है कि तन्खा परिवार को कभी भी गांधी परिवार से मिलने के लिए किसी तरह की एप्वाइंटमेंट की जरूरत नहीं पड़ी। उनके पिता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी थे।

वर्ष 1999 में बने महाधिवक्ता
तन्खा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1979 में वकील के तौर पर अपना नामांकन कराया। 1999 में वह मध्य प्रदेश के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता बने। वह मध्य प्रदेश के पहले वकील भी थे जिन्हें भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था. उनकी आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच विवादों को हल करने में उन्होंने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी.

सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी
रोटरी क्लब के माध्यम से सामाजिक और मानवीय गतिविधियों में भी शामिल रहे. जबलपुर के रोटरी क्लब के बतौर अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने 1991 में विनाशकारी भूकंप के बाद घाना खमरिया में 66 घरों को दोबारा बसाने में मदद की. वर्ष 2000 में ओडिशा में आए भयानक चक्रवात के दौरान उन्होंने रेलवे की 18 बोगियों में राहत सामग्री भरकर संकटग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचाने का काम किया। तन्खा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति तन्खा मेमोरियल ट्रस्ट भी है, जो एमपी और छत्तीसगढ़ में मानसिक रूप से बीमार और विकलांग बच्चों के लिए स्कूल चलाता है।

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