भद्रा काल की सटीक जानकारी
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार इस बार सुबह से शाम तक राखी बांधी जा सकेगी। इस बार भद्रा नक्षत्र नहीं है। इसके अलावा रक्षाबंधन पर कई शुभ योग भी बनते नजर आ रहे हैं। राखी से चार दिन पूर्व ही गुरु मार्गी हो जाएंगे और सीधी चाल चलेंगे। ऐसे में राखी का दिन बहुत ही शुभ हो जाएगा।
भद्रा में राखी बंधवाने का परिणाम
पौराणिक व शास्त्रों में मिले प्रमाणों के आधार पर माना जाता है कि भद्रा काल में रावण ने बहन सूर्पनखा से राखी बंधवाई थी। जिसके परिणाम स्वरूप उसकी मृत्यु एक वर्ष के भीतर ही हो गई थी। वहीं दूसरी मान्यता है कि शनि देव की बहन भद्र को ब्रह्माजी ने शुभ कार्यों से वंचित कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जो भी शुभ कार्य भद्रा काल में होंगे उसका परिणाम अशुभ ही होगा।
ऐसा है राखी के दिन का शुभ योग
ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार राखी के दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा तिथि, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क व चंद्रमा मकर राशि में संचरण करेंगे। ये सब मिलकर राखी को शुभ, मंगलकारी व विशेष बना रहे हैं।