चंद्रप्रधान श्रवण नक्षत्र भी
रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ज्योतिर्विद् जर्नादन शुक्ला के अनुसार लम्बे समय बाद सावन माह में चन्द्रप्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन रहा है। इसके साथ ही राखी बांधने के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुहूर्त है। यह मुहूर्त 15 अगस्त को सुबह 5.49 बजे से शुरु होकर शाम 6.01 बजे तक लगभग 12 घंटे का होगा। राहुकाल के दौरान राखी बांधना वर्जित है।
लम्बी उम्र की कामना, रक्षा का वचन
शहर में रक्षाबंधन का पर्व उत्साह से मनाया जाता है। त्योहार की प्रतीक्षा भाई-बहन के साथ ही परिवार के सभी सदस्य करते हैं। इस दिन बहन, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। ईश्वर से भाई की दीर्घ आयु, सफलता और समृद्धि की कामना करती हैं। भाई, बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देता है।
विशेष तिथि एवं योग
रक्षा बंधन अनुष्ठान का समय- सुबह 05.49 से शाम 5.58 बजे
अपरान्ह मुहूर्त- दोपहर 1.43 से शाम 4.20 बजे
पूर्णिमा तिथि आरंभ- दोपहर 3.45 बजे (14 अगस्त)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- शाम 5.58 बजे (15 अगस्त)
भद्रा समाप्त- सूर्योदय से पूर्व