जबलपुरPublished: May 15, 2019 01:10:47 am
Sanjay Umrey
पांचों वक्त की पाबंदी के साथ अदा की जा रही नमाज, जगह-जगह हो रहे रोजा अफ्तार
ramjan mah
जबलपुर। रमजान शरीफ में इबादत की जा रही है, पांचों वक्त की पाबंदी के साथ नमाज अदा की जा रही है। इस्लाम धर्म के अनुसार रमजान में जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं। इसी भाव से रोजेदार भीषण गर्मी में रोजे रखकर इबादत कर रहे हैं। रमजान में इबादत के तीन अशरे महत्वपूर्ण होते हैं। दूसरा अशरा शुक्रवार यानि जुमा से शुरू होगा।रमजान में बरकत और रहमत के लिए रोजेदार रोजा, नमाज की इबादत नेक नीयत के साथ कर रहे हैं।
इस बार विशेष संयोग
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में दिन से ज्यादा रौनक रात में नजर आ रही है। मस्जिदों में रात में तरावीह की नमाज हो रही है, तो रात में अफ्तार-सेहरी एवं अन्य जरूरत के सामान खरीदे जा रहे हैं। पहले से 10 वां रोजा तक रहमत का अशरा है। इन दस दिन में रोजा, नमाज अदा करने वालों पर अल्लाह की कृपा बरसती है। बुधवार को नौवां रोजा है।
विशेष संयोग है कि इस बार रमजान में 11वें रोजा और जुमा से मगफरत का अशरा शुरू होगा। मौलाना चांद कादरी के अनुसार मगफरत में इबादत से गुनाहों की माफी होती है। सामान्य दिनों की अपेक्षा रमजान की इबादत ज्यादा असरदार होती है। खुदा अपने बंदों के गुनाह माफ कर देता है। जबकि 21 से आखिरी रोजा तक जहन्नम से आजादी की इबादत की जाती है। यह अशरा सबसे महत्वपूर्ण होता है। रोजेदार परहेजगारी के साथ रोजे रखकर जन्नत की ख्वाहिश करता है।
80 मस्जिदों व नमाजगहों में अदा होगी नमाज
रमजान के दूसरे जुमा से दूसरे अशरा की इबादत शुरू होगी। मौलाना इकबाल रब्बानी ने बताया, जुमा की नमाज के दौरान गुनाहों के माफी की दुआ की जाएगी। शहर की 80 मस्जिदों व नमाजगाहों में जुमा की नमा अदा की जाती है।
मस्जिदों में पांचों वक्त की नमाज अदा की जा रही है। जबकि, शुक्रवार को दोपहर में जुमा की नमाज अदा की जाएगी।