पांच मई को चांद का दीदार हुआ तो छह मई को रमजान की पहली तारीख होगी। इस्लामिक कलेंडर के नौवें महीने रमजान को पवित्र माना जाता है। रहमतों और बरकतों का यह महीना अच्छे कार्यों का कई गुना फल देने वाला होता है। रमजान के महीने में ही कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। रमजान में जाने-अनजाने में हुए गुनाहों की माफी की इबादत भी की जाती है। मौलाना इकबाल अहमद रब्बानी के अनुसार इस बार 43-44 डिग्री तापमान वाले तल्ख मौसम में रोजे रखे जाएंगे। रोजेदार एक माह तक अफ्तार से पहले और सहरी के बाद कुछ ग्रहण नहीं करते हैं। रोजेदार पानी की घंूट भी ग्रहण कर लें तो रोजा टूट जाता है। फिर भी रोजेदारों में इबादत के लिए खासा उत्साह है। नेक नीयत और अकीदत के साथ इबादत की जाती है।
मस्जिदों में शुरू हुआ रंग-रोगन
रमजान के आगाज में चंद दिन ही शेष हैं। शहर की प्रमुख मस्जिदों में साफ-सफाई एवं रंग रोगन के कार्य शुरू हो गए हैं। वहीं घरों में रोजा-अफ्तार और सहरी के लिए भी तैयारियां की जा रही हैं। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के व्यापारियों ने देश-विदेश के खजूर के आर्डर दे दिए हैं। खजूर की खेप भी गोदामों में रखी जा रही हैं। अफ्तार में खजूर का विशेष महत्व है।
दूसरे शहर के व्यापारियों ने दी खबर
पाक रमजान के दूसरे पखवाड़े से शुरू होने वाले मीना बाजार में दुकानें लगाने के लिए व्यापारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बहोराबाग क्षेत्र में करीब ढाई किमी के दायरे में वर्षों से लगने वाले परम्परागत मीना बाजार में दुकानें बनाने के लिए दूसरे राज्यों के प्रमुख शहरों के व्यापारियों ने खबर भेजनी शुरू कर दी है। मीना बाजार में प्रमुख पोशाक, इत्र, खाने-पीने के प्रमुख सामानों की दुकानें लगती हैं। इस बाजार में रमजान में दिन से ज्यादा रात गुलजार होती है। आधी रात तक खरीदारों का समूह बाजार में उमड़ता रहता है।