about- जबलपुर वीकल फैक्ट्री के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने बुलेट प्रूफ मिनी ट्रक को किया अपग्रेड
सेना के लिए बनाए आधुनिक और अभेद्य वाहन कारगर होने पर उत्पादन
प्रमुख सैन्य वाहनों को नॉन कोर ग्रुप में शामिल किए जाने के बाद वीकल फैक्ट्री ने नए उत्पाद तैयार करने और पुराने उत्पादों को उन्नत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी के तहत फैक्ट्री के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने बुलेट पू्रफ वाहन (बीपीवी) को अपग्रेड किया है। इसका प्रोटोटाइप भी तैयार किया गया है। इस वाहन की खूबियां सेना को कारगर लगने पर फैक्ट्री में इसका उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
सेना के लिए बनाए आधुनिक और अभेद्य वाहन कारगर होने पर उत्पादन
प्रमुख सैन्य वाहनों को नॉन कोर ग्रुप में शामिल किए जाने के बाद वीकल फैक्ट्री ने नए उत्पाद तैयार करने और पुराने उत्पादों को उन्नत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी के तहत फैक्ट्री के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने बुलेट पू्रफ वाहन (बीपीवी) को अपग्रेड किया है। इसका प्रोटोटाइप भी तैयार किया गया है। इस वाहन की खूबियां सेना को कारगर लगने पर फैक्ट्री में इसका उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
४०७ बुलेट पू्रफ वीकल को अपगे्रड किया गया है। यह पहले की तुलना में ज्यादा कारगर होगा। एक वाहन तैयार किया जा रहा है। इसकी टेस्टिंग जल्द ही की जाएगी। इसकी विशेषताओं से सुरक्षाबलों को अवगत कराया जाएगा।
– डीसी श्रीवास्तव, अपर महाप्रबंधक वीएफजे
– डीसी श्रीवास्तव, अपर महाप्रबंधक वीएफजे
407 गाड़ी की बुलेटपू्रफिंग
फैक्ट्री की टीम ने पहले भी टाटा के मिनी ट्रक-४०७ की बुलेटपूफ्रिंग की थी। इसमें आर्मड सीट और बुलेटप्रूफ कांच भी लगाए गए थे। इस वाहन पर लगाई गई आर्मड सीट ७.६२ एमएम से ज्यादा के कारतूस को सहन कर सकती है। यही नहीं जरुरत और सुरक्षा के हिसाब से इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। इसकी खासियत है कि दुश्मन की गोलीबारी के बीच जवान सुरक्षित रहते हुए पॉट से पलटवार कर सकते हैं। अपगे्रडेड ४०७ बुलेटपू्रफ वाहन में बीएस-४ इंजन लगाया गया है। अभी तक यह बीएस-३ इंजन पर था। इसका डैशबोर्ड भी पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक होगा। वाहन के भीतर अहम परिवर्तन किए हैं।
कई खास वाहन बनाए
वीएफजे सेना की जरुरत के हिसाब से वीएफजे कई प्रकार और खासियत वाले वाहन बना चुका है। यहां प्रमुख रूप से सेना के लिए ही वाहन तैयार किए जाते हैं। अब तक बनाए गए ज्यादातर वाहनों में डिजाइन उसकी खुद की हैं। हाल के दिनों में जरूर टाटा और अशोक लीलैंड से ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के माध्यम से एलपीटीए और स्टालियन वाहन बनाए जा रहे हैं।
फैक्ट्री की टीम ने पहले भी टाटा के मिनी ट्रक-४०७ की बुलेटपूफ्रिंग की थी। इसमें आर्मड सीट और बुलेटप्रूफ कांच भी लगाए गए थे। इस वाहन पर लगाई गई आर्मड सीट ७.६२ एमएम से ज्यादा के कारतूस को सहन कर सकती है। यही नहीं जरुरत और सुरक्षा के हिसाब से इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। इसकी खासियत है कि दुश्मन की गोलीबारी के बीच जवान सुरक्षित रहते हुए पॉट से पलटवार कर सकते हैं। अपगे्रडेड ४०७ बुलेटपू्रफ वाहन में बीएस-४ इंजन लगाया गया है। अभी तक यह बीएस-३ इंजन पर था। इसका डैशबोर्ड भी पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक होगा। वाहन के भीतर अहम परिवर्तन किए हैं।
कई खास वाहन बनाए
वीएफजे सेना की जरुरत के हिसाब से वीएफजे कई प्रकार और खासियत वाले वाहन बना चुका है। यहां प्रमुख रूप से सेना के लिए ही वाहन तैयार किए जाते हैं। अब तक बनाए गए ज्यादातर वाहनों में डिजाइन उसकी खुद की हैं। हाल के दिनों में जरूर टाटा और अशोक लीलैंड से ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के माध्यम से एलपीटीए और स्टालियन वाहन बनाए जा रहे हैं।
बैटरी कमांड पोस्ट
यह एलपीटीए पर विकसित किया गया। यह सीमाओं पर सूचना आदान-प्रदान करने के काम में आता है। युद्ध या अभ्यास के समय सेना मुख्यालय के आदेश प्राप्त कर सीमा पर तैनात जवानों तक सेदंश पहुंचाया जा सकता है।
यह एलपीटीए पर विकसित किया गया। यह सीमाओं पर सूचना आदान-प्रदान करने के काम में आता है। युद्ध या अभ्यास के समय सेना मुख्यालय के आदेश प्राप्त कर सीमा पर तैनात जवानों तक सेदंश पहुंचाया जा सकता है।
किचिन कंटेनर
इस वाहन में चलती गाड़ी में १५० से २०० जवानों के लिए खाना पकाने की सुविधा है। इसमें जनरेटर, वाटर कूलर, वाटर टैंक, डी फ्रीजर जैसे संसाधन होते हैं। दुर्गम इलाकों में भोजन तैयार कर जवानों को परोसा जा सकता है।
इस वाहन में चलती गाड़ी में १५० से २०० जवानों के लिए खाना पकाने की सुविधा है। इसमें जनरेटर, वाटर कूलर, वाटर टैंक, डी फ्रीजर जैसे संसाधन होते हैं। दुर्गम इलाकों में भोजन तैयार कर जवानों को परोसा जा सकता है।
5 केएल वाटर वाउजर
इस वाहन में लगे वाटर टैंक में राजस्थान में ठंडा एवं लेह और लददख के बर्फीले क्षेत्र में पीने के योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।
इस वाहन में लगे वाटर टैंक में राजस्थान में ठंडा एवं लेह और लददख के बर्फीले क्षेत्र में पीने के योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।