रैकिंग की नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग मानकों के आधार पर बेस्ट स्कूलों को चुना जाएगा। इसके लिए चार कैटेगरी निर्धारित की गई हैं, जिसमें स्कूलों में एकेडमिक सिस्टम, कल्चरल एक्टिविटी और इंफ्रास्टक्चर पर सबसे ज्यादा पॉइंट्स दिए जाएंगे। शहर में कुछ 9 केन्द्रीय विद्यालय मौजूद हैं, जहां अभी बेस्ट ग्रेड लाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। इसका फायदा उन पैरेंट्स को भी मिलेगा, जो ग्रेडिंग के आधार पर बच्चों का एडमिशन करवाते हैं।
केन्द्रीय विद्यालय नम्बर 1 जीसीएफ के प्रिंसिपल एएस ठाकुर ने बताया कि एमएचआरडी द्वारा देशभर के विभिन्न केन्द्रीय विद्यालयों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके साथ ग्रेड भी प्राप्त होगा। शहर के सभी केन्द्रीय विद्यालयों में नए के हिसाब से अभी से तैयारी शुरू हो चुकी हैं। इसमें स्कूल इंफ्रास्टक्चर से लेकर एकेडमिक्स एबिलिटी पर फोकस किया जा रहा है। हर योग्यता को बेहतर ढंग से निखारा जाएगा, ताकि अच्छा ग्रेड मिले।
एमएचआरडी द्वारा इस पहल को किया जा रहा है। जिसमें देशभर के केन्द्रीय विद्यालयों में शिक्षा के मानक स्तर को सुधारने के लिए काम किया जाएगा। इसमें सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पर्यवेक्षकों द्वारा साल में दो बार विजिट करवाई जाएगी। विभिन्न मानक स्तरों के लिए अधिकतम 800 से लेकर १ हजार अंक तक निर्धारित किए हैं। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और स्कूल की सुविधाओं के आधार पर ही स्कूलों को ग्रेड मिलेगा।
एकेडमिक परफॉर्मेंस
इंफ्रास्ट्रक्चर
एडमिनिस्ट्रेशन
फाइनेंस
कम्यूनिटी पार्टिसिपेशन
ग्रेस पाइंट इन पॉइंट्स का होगा मूल्यांकन
एकेडमिक्स- 500
एडमिनिस्ट्रेशन- 120
इन्फ्रास्ट्रक्चर- 150
फाइनेंस- 70
कम्यूनिटी पार्टिसिपेशन- 60
ग्रेस पॉइंट- 90
निरीक्षण- 10
80 अंक वाले स्कूल ए (एक्सीलेंट) कैटेगरी
79-60 अंक वाले बी (बहुत अच्छे) कैटेगरी
59-40 अंक वाले सी (गुड) कैटेगरी
40 अंक से कम वाले डी (कमजोर) कैटेगरी