सिर्फ इस क्षेत्र में हुआ शत प्रतिशत सत्यापन
जिले में राशन कार्ड के सत्यापन का काम पिछड़ा है। अभी तक 65 फीसदी काम हो सका है। सबसे खराब स्थिति केंट बोर्ड और नगर निगम जबलपुर क्षेत्र की है। यहां सर्वे दलों की ओर से क्रमश: 30 और 35 प्रतिशत राशन कार्डों का सत्यापन किया जा सकता है। सिहोरा एवं पनागर नगर पालिका क्षेत्र में 100 फीसदी काम हो चुका है। हाल में कोर्ट के आदेश के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे के काम से अलग कर दिया गया है। ऐसे में 2104 दलों में करीब एक हजार सर्वेयर कम हो गए हैं। ऐसे में अब करीब तीन हजार सर्वेयर के कंधों पर सत्यापन का काम है।
जिले में राशन कार्ड के सत्यापन का काम पिछड़ा है। अभी तक 65 फीसदी काम हो सका है। सबसे खराब स्थिति केंट बोर्ड और नगर निगम जबलपुर क्षेत्र की है। यहां सर्वे दलों की ओर से क्रमश: 30 और 35 प्रतिशत राशन कार्डों का सत्यापन किया जा सकता है। सिहोरा एवं पनागर नगर पालिका क्षेत्र में 100 फीसदी काम हो चुका है। हाल में कोर्ट के आदेश के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे के काम से अलग कर दिया गया है। ऐसे में 2104 दलों में करीब एक हजार सर्वेयर कम हो गए हैं। ऐसे में अब करीब तीन हजार सर्वेयर के कंधों पर सत्यापन का काम है।
तीन महीने से चल रहा काम
सर्वे का अतिमहत्वपूर्ण का काम करीब तीन महीन से चल रहा है। दलों को चार लाख दो हजार 255 परिवारों के कार्ड का सत्यापन करा है। अभी की स्थिति में लगभग दो लाख 61 हजर 741 कार्ड का सत्यापन हो सका है। अभी भी करीब एक लाख 40 हजार 514 परिवारों का सत्यापन होना है। सबसे ज्यादा असर आंगनबाड़ी कार्यकताओं से यह काम वापस लेने से हुआ है। सीधे एक हजार सर्वेयर कम हो गए हैं। 2104 दलों में 42 सौ कर्मचारी अधिकारी शामिल थे।
सर्वे का अतिमहत्वपूर्ण का काम करीब तीन महीन से चल रहा है। दलों को चार लाख दो हजार 255 परिवारों के कार्ड का सत्यापन करा है। अभी की स्थिति में लगभग दो लाख 61 हजर 741 कार्ड का सत्यापन हो सका है। अभी भी करीब एक लाख 40 हजार 514 परिवारों का सत्यापन होना है। सबसे ज्यादा असर आंगनबाड़ी कार्यकताओं से यह काम वापस लेने से हुआ है। सीधे एक हजार सर्वेयर कम हो गए हैं। 2104 दलों में 42 सौ कर्मचारी अधिकारी शामिल थे।