इन जानकारियों की फीडिंग
इन्फ्रा मैपिंग में उस दुकान की लोकेशन को फीड किया जा रहा है। उसकी फोटो भी गूगल पर अपलोड की जा रही है, ताकि इसे ढूंढने में दिक्कत न हो। कार्ड, खाद्यान्न का स्टॉक, सेल्समैन का नाम, पीओएस मशीन आदि जानकारियां फीडिंग की जा रही हैं।
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अभी भी होती है जांच
मौजूदा स्थिति में राशन दुकानों का प्रारूप निरीक्षण होता है या पंचनामा बनाया जाता है। गड़बड़ी पर निरीक्षक या दूसरा अधिकारी प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है। अब इन तमाम चीजों को ऑनलाइन फीडिंग करना होगा, ताकि शिकायत लम्बित नहीं रहे।
– जिले में 948 से अधिक राशन की दुकानें।
– शहरी क्षेत्र में 427 और ग्रामीण में 521 संख्या।
– जिले में कुल कार्डधारी परिवार 4 लाख 6 हजार।
– 15 लाख 32 हजार से ज्यादा कार्डधारी सदस्य।
– कुंडम क्षेत्र को छोड़कर सभी दुकानों में पीओएस।
जिले की राशन दुकानों की इन्फ्रा मैपिंग का काम किया जा रहा है। मोबाइल फोन से प्रत्येक दुकान की जानकारी अपलोड की जा रही हैं। लोकेशन से लेकर उसका फोटो भी शामिल किया गया है। इस तकनीक के जरिए उपभोक्ताओं की शिकायत का निराकरण तुरंत हो सकेगा।
– सीएस जादौन, जिला आपूर्ति नियंत्रक