जबलपुर

335 दिन बाद हाइकोर्ट में लौटी रौनक, सीजे ने वकीलों को भेंट किए गुलाब

भौतिक सुनवाई शुरू होने से वकील में नजर आया हर्ष और उत्साह

जबलपुरFeb 15, 2021 / 08:07 pm

गोविंदराम ठाकरे

High Court

जबलपुर। 335 दिन बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के परिसर में सोमवार को पुरानी रौनक लौट आयी। सोमवार से हाइकोर्ट की तीनों बेंचों में भौतिक सुनवाई शुरू हो गई। मुख्यपीठ जबलपुर में सुबह साढ़े 10 बजे चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने स्वयं गेट नंबर-छह पर परिसर में दाखिल होने वाले वकीलों का गुलाब के फूल भेंट कर स्वागत किया। सीजे मोहम्मद रफीक के साथ प्रशासनिक न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस नंदिता दुबे व जस्टिस संजय द्विवेदी थे ।
वकीलों को शुभकामनाएं
चीफ जस्टिस ने गेट पर प्रवेश करने वाले वकीलों को भौतिक सुनवाई आरम्भ होने की बधाई व आने वाले दिनों के लिए स्वस्थ रहने की शुभकामनाएं दीं। एडवोकेट संजय वर्मा को सीजे ने सबसे पहले प्रवेश के बाद पहला गुलाब का फूल भेंट किया।वर्मा ने सीजे सहित सभी न्यायाधीशों का गर्मजोशी से स्वागत करने पर अधिवक्ता समुदाय की ओर से आभार जताया।
कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य
सोमवार को सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक हाई कोर्ट परिसर में चहल-पहल देखने को मिली। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य रहा। सिर्फ छह नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था थी। प्रत्येक वकील और पक्षकार सहित अन्य को दाखिल होने से पूर्व सुरक्षा उपकरणों से होकर गुजरना पड़ा। उनका तापमान भी मापा गया। प्रवेश द्वार से लेकर परिसर और गलियारे तक समुचित सुरक्षा बल तैनात रहा। बिना आवश्यक कार्य के किसी को गलियारे में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। न्यायाधीशों के कक्षों व बार के बीच रेलिंग कायम रही। रेलिंग के उस पार सिर्फ वे ही वकील प्रवेश कर पाए, जिनके मामले भौतिक सुनवाई के लिए निर्धारित थे।
हाई कोर्ट बार में रही चहल-पहल :
पिछले कई माहों के बाद हाई कोर्ट बार के सिल्वर जुबली सभागार में इतनी अधिक संख्या में वकील बैठे व परस्पर संवाद करते नजर आए। उनके बीच भौतिक सुनवाई शुरू होने को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा था। विशेष बात यह रही कि वकीलों का एक वर्ग भौतिक सुनवाई में जबकि दूसरा अपने चयनित विकल्प के अनुरूप वीडियो कॉफ्रेंसिंग से सुनवाई में मशगूल रहा।
181 मामलों की वीसी से सुनवाई
सोमवार को मुख्यपीठ जबलपुर में 500 से अधिक मामले सुनवाई के लिए लगे। इनमे से महज 181 मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(वीसी) के जरिए सुनवाई हुई। बाकी अधिकांश मामलों की भौतिक सुनवाई की गई।
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