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रियल इस्टेट में प्रोजेक्ट का श्रीगणेश, मजदूरों का हो रहा इंतजार

locationजबलपुरPublished: May 25, 2020 07:04:16 pm

Submitted by:

prashant gadgil

ग्रामीण क्षेत्र में छोटे हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम हो रहा री स्टार्ट
 
 

Beneficiaries are worried about not getting second installment for Prime Minister's house construction

हितग्राहियों को सता रही चिंता

जबलपुर . घर खरीदने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण बंद रहे रियल इस्टेट क्षेत्र में अब काम की शुरुआत होने लगी है। हालांकि, छोटे प्रोजेक्ट ही शुरू हुए हैं, जहां कम संख्या में लेबर की जरूरत होती है। निजी आवास के निर्माण के अलावा ग्रामीण क्षेत्र की साइट पर जरूर काम में तेजी आई है। जिले में रियल इस्टेट का बड़ा कारोबार है। अभी की स्थिति में 80 से अधिक बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। मध्यम और छोटी श्रेणी के 160 से 170 के बीच हाउसिंग प्रोजेक्ट संचालित हैं। इनमें 12 सौ करोड़ से ज्यादा का निवेश है। अभी ज्यादातर में छुटपुट काम शुरू हुआ है। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में जो साइट चल रही हैं, वहां का रिस्टार्ट हो गया है। इन जगह पर बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेश और शहरों से श्रमिक लौटे हैं, उनके लिए भी यह व्यवसाय काम का जरिया बन रहा है।
600 से अधिक रेडी टू पजेशन
मौजूदा समय में जिले में शहरी और आसपास के क्षेत्र में अपार्टमेंट, सिंगलैक्स और ड्यूप्लेक्स की 600 से ज्यादा यूनिट ऐसी हैं, जो रेडी टू पजेशन की स्थिति में हैं। अब बिल्डर्स इसी रणनीति में लगे हैं कि इन यूनिट की बिक्री हो ताकि पूंजी आए तो बाकी के प्रोजेक्ट में तेजी लाई जाए। दीपक अग्रवाल, सचिव जबलपुर क्रेडाई के अनुसार रियल इस्टेट कारोबार को गति मिलने में वक्त लग सकता है। अभी कुछ जगहों पर छोटे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है। इनमें ठेकेदारी वाले काम ज्यादा हैं। मजदूरों की कमी है। इसी प्रकार निर्माण सामग्री मिलना भी कठिन हो रहा है।
सीमेंट के दामों में तेजी
इस बीच कंपनियों ने सीमेंट के दामों में भी बढ़ोत्तरी कर दी है। रियल इस्टेट से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि जहां पहले थोक कीमत में सीमेंट की बोरी 225 से 260 रुपए में मिलती थी वह अब 285 से 290 रुपए तक कर दी गई है। इसी प्रकार रेत भी औने-पौने दामों में मिल रही है। जिले में रेत का ठेका अभी तक शुरू नहीं होने के कारण इसकी कमी बनी हुई है। जो चोरी से रेत का खनन कर रहे हैं, वे कमी का फायदा उठाकर लोगों से ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।

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