लेमा गार्डन में रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर में 200 इकाइयां हैं। इनमें 146 बड़ी तो 54 छोटी इकाइयाें में अलग-अलग तरह के परिधान तैयार किए जाना हैं। वर्तमान में तकरीबन 140 इकाइयां चलने लगी हैं। कुछ में काम चल रहा है, लेकिन 22 ऐसी इकाइयां हैं जो कि बहुत पीछे हैं। गारमेंट एंड फैशन डिजाइन क्लस्टर एसोसिएशन ने इन इकाईधारकों को नोटिस जारी किया है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी क्लस्टर को लेकर कई बार बैठकें कर चुके हैं ।इसी प्रकार उद्योग विभाग भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है ताकि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह पटरी पर आ जाए।
रखरखाव शुल्क देने में आनाकानी
इकाईधारक रखरखाव शुल्क तक देने में आनाकानी करते थे, लेकिन अब उसे जमा कराया गया है। शुल्क के रूप में एकत्रित हुए करीब 2 करोड 40 लाख रुपए से क्लस्टर परिसर में कई तरह के निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गए हैं। मूल काम इकाइयों में कारखानों का संचालन हैं, जो अभी तक पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में लगभग 60 करोड़ रुपए की लागत वाला यह प्राेजेक्ट लगातार पिछड़ते जा रहा है। क्लस्टर में बीते करीब एक माह में सुधार आया है। इस दौरान करीब 30 इकाइयों में काम शुरू हुआ। आंतरिक साज-सज्जा का काम संचालक करवा रहे हैं। ऐसे में कुछ समय बाद ये भी शुरू हो जाएंगी।

लगाए जा रहे पेवर ब्लॉक
अभी खाली जगहों पर पेवर ब्लॉक लगाए जा रहे हैं तो दीवारों से इकाइयों के नाम के पोस्टर हटाए गए हैं। संचालक रितेश जैन ने बताया कि काम में गति आ रही है। इकाइयों के साथ कॉमन फैसिलिटी सेंटर में गतिविधियां बढ़ी हैं। इकाईधारक शिरीष जैन ने बताया कि छोटी इकाई हैं। वह करीब तीन साल से इसका संचालन कर रहे हैं। अभी निर्माण कार्य में तेजी आई है।

ईटीपी का काम शुरू हुआ
ईटीपी और फायर फाइटिंग सिस्टम क्लस्टर में हाल में ईटीपी का काम शुरू हुआ है। इसी प्रकार फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है। ईटीपी के नहीं होने से डाइंग और वाशिंग प्लांट का संचालन नहीं हो पा रहा है। क्योंकि डाइंग और वाशिंग की प्रक्रिया में जो प्रदूषित पानी निकलेगा उसे इसी ईटीपी में परिष्कृत किया जाएगा।
क्लस्टर की ज्यादातर इकाइयां संचालित हो रही हैं। करीब 22 को नोटिस दिया गया है। उन्हें 31 मई तक अपनी इकाइयाें में काम शुरू करना है। अभी परिसर में साफ-सफाई से लेकर छोटे-मोटे विकास कार्यों को भी पूरा कराया जा रहा है।
दीपक जैन, एमडी जबलपुर गारमेंट एंड फैशन डिजाइन क्लस्टर एसोसिएशन