सूत्रों के अनुसार बीएएलएलबी में विश्वविद्यालय के पास 370 आवेदन पहुंचे हैं। इसी तरह एलएलएम के लिए भी करीब 100 आवेदन पहुंचे हैं। बीएएलएलबी में 80 और एलएलएम में कुल 60 सीटें हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति बी फार्मा की भी बनी है। यहां करीब 200 के लगभग आवेदन आए हैं। बीफार्मा में 60 सीटें हैं।
कई विभागों में गिनती के आवेदन
विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षण विभाग आवेदनों की बांट जोह रहे हैं। फिलॉसफी विभाग, हिस्ट्री, संस्कृत, फिजिक्स, इकॉनामिक्स, ट्रायबल स्टडी, सोशियोलॉजी जैसे विभागों में आवेदनों की संख्या 2 से 15 के बीच ही पहुंची है। जानकारों का कहना है विभागाध्यक्षों की लापरवाही के चलते कई विभागों में प्रवेश के प्रति रुझान नहीं बढ़ सका है। विभागाध्यक्षों द्वारा न तो छात्रों को विश्वविद्यालय तक लाने के लिए कोई ठोस प्रयास किए गए और न ही पाठ्यक्रमों की उपयोगिता, रोजगार की संभावनाओं से छात्रों को जोड़ा गया।
इसलिए बढ़ी मांग
सूत्रों के अनुसार बीएएलएलबी के लिए कोई भी शासकीय कॉलेज नहीं है। प्राइवेट कॉलेजों में मोटी फीस ली जा रही है। योग के लिए भी कोई भी शासकीय प्रइवेट कॉलेज नहीं है। कुछ ऐसी ही स्थिति बीफॉर्मा जैसे कोर्सों के लिए भी बनी है।
विश्वविद्यालय में अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। प्रवेश को लेकर छात्रों का रुझान बढ़ा है। कुछ विभागों में आवेदनों की संख्या बहुत अधिक आने के कारण हमें उन विभागों में प्रक्रिया को रोकने का निर्णय लेना पड़ा है।
प्रो.अंजना शर्मा, प्रवेश प्रभारी रादुविवि