हालांकि, विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिये कि, वो तय प्रावधानों का पालन करते हुए नई टैरिफ याचिका दायर करें। लेकिन बिजली की मंहगाई फिलहाल टलने से उपभोक्ताओं को कुछ दिनों के लिए ही सही पर राहत मिली है।
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इसलिए खारिज हुई याचिका
बता दें कि प्रदेश में बिजली की दरें तय करने के ले लिए इलेक्ट्रिसिटी रैगुलेशन 3 दिसंबर 2021 को नोटिफाई किया गया था। लेकिन, इससे पहले ही 30 नवंबर को बिजली कंपनियों ने बिजली की दरें बढ़ाने की याचिका दायर कर दी थी। इसके खिलाफ पहले आपत्तियां भी दायर हो चुकी थीं, लेकिन नियामक आयोग ने कंपनियों की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली थी और 8 से 10 फरवरी तक जनसुनवाई भी तय कर दी थी। अब आयोग ने सुनवाई करते हुए कंपनियों की टैरिफ याचिका को प्रावधानों के खिलाफ प्रमाणित होने पर तकनीकि आधार पर इसे वापस कर दिया है।
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