Police lie to IPS आईपीएस से खुलेआम झूठ बोलते हैं यहां पुलिस वाले, ऐसे हुआ खुलासा
पहले से तीन पत्नियों के पति की चौथी पत्नी बनकर रहने तैयार युवती की इच्छा का हाईकोर्ट ने सम्मान किया है। कोर्ट ने युवती को पुलिस संरक्षण में पति के घर भेजने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस अंजली पॉलो की डिवीजन बेंच ने पति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण का निराकरण भी कर दिया।
ये है मामला –
दमोह निवासी शमीम खान ने यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इसमें उसने सास-ससुर द्वारा बंधक बनाकर रखी गई अपनी पत्नी को आजाद कराकर उसे सौंपने की मांग की थी। मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की पूर्व में 3 पत्नी और 3 बच्चे हैं। वह टेलरिंग का काम करता है। ऐसे में युवती का भविष्य उसके साथ सुरक्षित नहीं है। उसे वहां सामान्य माहौल नहीं मिलेगा। इस पर कोर्ट ने युवती से उसका पक्ष पूछा। युवती ने जवाब दिया कि वह हर पहलू समझती है। इसके बाद भी वह उसी युवक के साथ रहेगी। युवती के बालिग होने के मद्देनजर कोर्ट ने उसकी इच्छानुसार उसे मर्जी से रहने के लिए स्वतंत्र बताया। कोर्ट ने युवती को पुलिस संरक्षण में उसके पति के घर भेजने के निर्देश दिए।