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jabalpur railway station : हाईटेक मशीनों का कमाल, घंटों में हो रहा हफ्तों का काम

locationजबलपुरPublished: Jul 31, 2019 09:36:36 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

मुख्य रेलवे स्टेशन पर रीमॉडलिंग का तीसरा दिन
 

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जबलपुर. मुख्य रेलवे स्टेशन पर किए जा रहे रीमॉडलिंग के कार्य में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से महीनों में होने वाले कार्य चंद दिनों में पूरे हो रहे हैं। इन मशीनों के चलते मैनपावर के साथ समय की भी बचत हो रही है। स्लीपर उखाडऩा-बिछाना, ट्रैक को लाना या उसे जमीन पर बैठाना, सभी कार्य मशीनों की मदद से हो रहे हैं।

टी 28 मशीन
टी 28 मशीन से यह काम आसान हो गया है। यह मशीन ट्रैक और जमीन दोनों पर चल सकती है। इसके बीच में चार ट्रॉली होती हैं, जिसमें ट्रैक को रखकर कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है। इसके सहारे रेलवे ट्रैक बिछाने का काम यार्ड में हो रहा है।

ओएचई वैन
ओवर हेड वायर वैन। यह वैन आत्याधुनिक संसाधनों से लैस है। इसका उपयोग ओवर हेड लाइन को ट्रैक के समानांतर लगाने के लिए किया जा रहा है। इसमें करंट नापने समेत तारों और पोलों को सीधा करने व उन्हें शिफ्ट करने तक की व्यवस्था है। ट्रैक डलने के बाद इस मशीन के जरिए ओएचई को ठीक किया जा रहा है।

टेम्पिंग मशीन
नए ट्रैक को डालने के बाद उसका एलायनमेंट जांचने और उसे ठीक करने के लिए टेम्पिंग मशीन का उपयोग किया जाता है। छोटे छोटे पहियों वाली यह विशाल मशीन ट्रैक पर ही चलती है। इस दौरान मशीन के कुछ हिस्से ट्रैक के ऊपर व उसके आजूबाजू होते हैं, जो पूरी तरह से उसका एलायनमेंट चैक करते हैं। इतना ही नहीं ट्रैक के आसपास बिछाई गई गिट्टी व अन्य चीजों को भी इस मशीन के जरिए चैक किया जाता है। इंजननुमा यह मशीन ट्रैक पूरी तरह से तैयार होने के बाद अपना काम करती है। यदि पटरी में कहीं भी थोड़ी भी गड़बड़ी है, तो यह तत्काल उसे पकड़ लेती है।

 

 

यूटीवी मशीन
पहले किसी ट्रैक को हटाने में रेलवे को कई दिन लग जाते थे। क्योंकि ये कार्य मजदूरों द्वारा कराया जाता था। यूटीवी मशीन से यह काम आसान हो गया है। यह मशीन पांच से सात दिन के काम को कुछ ही घंटों में पूरा कर ट्रैक का डिस्मेंटल कर देती है। इतना ही नहीं यह मशीन गार्डर और स्लीपर समेत ट्रैक को उखाडऩे के काम भी आती है। यह मशीन दूसरे ट्रैक पर खड़े होकर यह काम करती है।

मुख्य रेलवे स्टेशन में चल रहे रीमॉडलिंग के कार्य के दौरान अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार अन्य मशीनों का भी उपयोग किया जाएगा। इससे काम आसान हो गया है और जल्द पूरा होगा।
-सुधीर सरवरिया, एडीआरएम, जबलपुर रेल मंडल

कर्व ट्रैक हटाया, सीधी रेल लाइन डाली
सभी प्लेटफॉर्म पर एक साथ ट्रेनें आ-जा सकें, इस मकसद से मुख्य रेलवे स्टेशन पर किया जा रहा रीमॉडलिंग का कार्य तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। इस दिन कटनी एंड पर सुबह नौ बजे से कार्य शुरू हो गया। यहां एक कर्व ट्रैक को हटाया गया। आधुनिक मशीनों से लगभग एक से डेढ़ घंटे में यह कार्य हुआ। इसके बाद यहां सीधा ट्रैक डाला गया।

गार्डर में कसा पहुंचा ट्रैक
मशीन के जरिए गार्डर में कसा हुआ ट्रैक सीधे वहां ले जाकर रखा गया। अधिकारियों ने उसका परीक्षण किया। इसके बाद उस ट्रैक को दूसरे ट्रैक के साथ जोड़ा गया। इलेक्ट्रिक विभाग ने भी वहां ओवर हेड लाइन शिफ्ट की। दोपहर दो बजे तक के ब्लॉक में इस कार्य को पूरा कर लिया गया। इसका फाइनल परीक्षण जल्द किया जाएगा।

हैंड प्वाइंट बना मोटराइज्ड प्वाइंट
कटनी एंड पर एक प्वाइंट अब तक हेंड प्वाइंट था, यहां से रेल कर्मियों द्वारा ऑपरेट किया जाता था। रीमॉडलिंग के दौरान यहां मोटराइज्ड प्वाइंट बनाया गया। अब यह प्वाइंट सीधे सिग्नल से संचालित होगा। इतना ही नहीं बुधवार को 50 मीटर का ट्रैक बदला गया। इस ट्रैक में 10 जोड़ हैं।

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