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मदन महल के साथ दूसरी पहाडिय़ों से भी बिना भेदभाव हटाओ अतिकमण-अवैध निर्माण

locationजबलपुरPublished: Sep 10, 2019 07:57:16 pm

Submitted by:

prashant gadgil

हाईकोर्ट का सरकार को निर्देश, 24 सितम्बर तक मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट
 

rajasthan high court important decision on usage of public places

हाईकोर्ट ने किया महत्वपूर्ण निर्णय, अब गैर हाथों में नहीं दे सकेंगे सार्वजनिक स्थानों पर विकसित सुविधाएं

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि मदन महल के साथ ही शहर की अन्य पहाडिय़ों के अतिक्रमणों व अवैध निर्माणों को भी हटाया जाए। सोमवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा व जस्टिस विशाल धगट की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह कार्रवाई बिना भेदभाव के जारी रखी जाए। अगली सुनवाई 24 सितम्बर तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया।
यह है मामला
किशोरी लाल भलावी व अन्य की ओर से याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कोर्ट को बताया कि मदन महल व आसपास की पहाडिय़ों में अभी भी सैकड़ों की संख्या में अतिक्रमण व अवैध निर्माण हैं। इन्हें हटाने की कार्रवाई धीमी गति से की जा रही है। नगर निगम के अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने इस सम्बंध में पांच साल की योजना व कार्रवाई का ब्योरा पेश किया। उन्होंने यह भी बताया कि ताजा कार्रवाई में बदनपुर के कई अवैध निर्माण हटाए गए। बाकी भी जल्द हटा दिए जाएंगे।
राजनीतिक दबाव में नहीं हटाए
राज्य सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया कि 25 जुलाई से 15 अगस्त तक मदन महल पहाड़ी के विद्यानगर से 92 व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक बजरंग नगर से 109 अतिक्रमण हटाए गए। अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई लगातार चल रही है। सिद्धबाबा, मदार टेकरी, रांझी पहाड़ी, छोटा शिमला, बड़ा शिमला सहित 20 पहाडिय़ों पर किए गए अतिक्रमणों व अवैध निर्माणों का सर्वे किया जा रहा है। अधिवक्ता वर्मा ने तर्क दिया कि मदन महल के पास सूपताल, रतन नगर, गुप्तेश्वर, बेदीनगर सहित अन्य जगहों की पहाडि़यों के अतिक्रमण राजनीतिक दबाव के चलते नहीं हटाए जा रहे हैं। सीमांकन में भी भेदभाव किया जा रहा है।
ग्रीनबेल्ट में निर्माण पर राहत नहीं
हाईकोर्ट ने ग्रीनबेल्ट एरिया में बिल्डर से क्रय किए गए निर्माण को अवैध करार देते हुए किसी तरह की राहत से इनकार कर दिया। पिसनहारी मढिय़ा ट्रस्ट को पहाड़ी पर दीवार के निर्माण सहित अन्य अवैध निर्माण अपने स्तर पर हटाने के लिए मोहलत दे दी गई।

 

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