प्रदेश से चार कॉलेजों ने जगह बनाई जिले में 16 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से सिर्फ दो कॉलेज ही रैंक प्राप्त करने में सफल हो सके हैं। बी और सी कैटेगरी रैंक में प्रदेश से चार कॉलेजों ने जगह बनाई है। एक्रोपोलिस स्टीटयूट ऑफ टैक्नोलॉजी एंड रिसर्च इंदौर, ज्ञानगंगा कॉलेज ऑफ टैक्नोलॉजी, ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी सांइस जबलपुर, सी कैटेगरी में सागर इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी भोपाल शामिल है। जबलपुर शासकीय इंजीनियंरिंग कॉलेज किसी भी कैटेगरी में शामिल नहीं हो सका है। विदित हो कि रैंकिंग में रिकोनाईज होने पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रलाय द्वारा स्टार्टअप के लिए फंडिंग और अन्य सुविधाएं कॉलेजो को मिलनी शुरू हो जाती है।
कई बिंदुओं पर जांच
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन एचीवमेंट (एआरआईआईए-२०२०) को जारी किया गया है। जो कि देश में तकनीकी शिक्षण संस्थानों को विभिन्न बिदुओं के आधार पर रैंकिंग देता है। इन बिंदुओं पर बजट, सुविधाएं, उद्मिता, व्यवसायीकरण, इनोवेटिव लर्निंग, आईडिया जनरेशन, इनोवशन, इंफ्रास्टक्चर, फैसेलिटी, बजट, फंडिंग सपोर्ट, इनोवेटिव लर्निंग, फैकेल्टी, कोर्सेस आदि के आधार पर जांचा परखा जाता है। गौरतलब है कि ए रैंक हासिल करने के लिए कॉलेजों के सामने बड़ा बजट होना आवश्यक होता है इस लिहाज से इस केटेगरी में बेहद कम कालेज ही अपना स्थान बना पाते हैं।