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अब 36 घंटे में मिल रही कोरोना जांच की रिपोर्ट

locationजबलपुरPublished: Jan 28, 2022 07:40:11 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में आरटीपीसीआर चलित प्रयोगशाला शुरू होने से राहत
 
 

Corona: बच्चों को लेकर नयी Guideline जारी

Corona: बच्चों को लेकर नयी Guideline जारी

जबलपुर। शहर में चलित परीक्षण प्रयोगशाला के आने से जबलपुर शहर में कोविड-19 आटीपीसीआर जांच की क्षमता लगभग दोगुना हो गई है। इससे कोरोना संदिग्धों के नमूने की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। अभी तक शहर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब, एनआईआरटीएच- आईसीएमआर और कुछ निजी लैब में कोविड-19 आरटीपीसीआर परीक्षण हो रहा था। इन सभी की कुल क्षमता के लगभग बराबर नमूने जांचने की क्षमता अब सिर्फ चलित परीक्षण प्रयोगशाला की है। नई सुविधा से संदिग्धों के लिए कोरोना जांच कराना आसान हो गया है। जल्दी रिपोर्ट मिलने से संक्रमित को उपचार भी शीघ्र हो रहा है। संक्रमण का 24 घंटे के अंदर पता चलने से कोरोना नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग को भी मदद मिल रही है। संदिग्धों की संख्या बढऩे पर भी अब ज्यादा संख्या में नमूने की जांच शहर में ही हो जाएगी।
4000 से ज्यादा नमूने जांचें
विक्टोरिया अस्पताल में सोमवार की रात से कोविड-19 आरटी पीसीआर चलित प्रयोगशाला में नमूनों का परीक्षण शुरू हो गया है। 2 दिन में लगभग 4000 नमूने की जांच चलित प्रयोगशाला में हुई है। आवश्यकता होने एवं संदिग्ध की संख्या बढऩे पर और ज्यादा संख्या में नमूने इस चलित प्रयोगशाला में जांचें जा सकते हैं।
अभी 60:40 का बंटवारा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कोरोना संदिग्धों के अभी औसतन 5 से सवा 5 हजार नमूने प्रतिदिन लिए जा रहे है। इसमें लगभग 60 प्रतिशत नमूने मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं। बाकी करीब 40 प्रतिशत नमूने चलित परीक्षण प्रयोगशाला में जा रहे हैं। विशेष परिस्थिति में शीघ्र रिपोर्ट की आवश्यकता पर भी नमूने का परीक्षण चलित प्रयोगशाला से कराया जा रहा है।
वायरोलॉजी लैब पर भार कम हुआ
शहर में अभी दो सरकारी लैब (एनआईआरटीएच और वायरोलॉजी) कोरोना जांच कर रही है। इसमें जिले के नमूने वायरोलॉजी लैब में ही परीक्षण के लिए भेजे जाते हैं। तीसरी लहर में संदिग्ध बढऩे पर वायरोलॉजी लैब पर भार बढ़ गया था। लैब से 3 से 4 दिन में नमूने के परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हो रही थी।
निजी सेंटर की मनमानी पर अंकुश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी कंपनी के साथ अनुबंध के तहत शुरू की गई चलित परीक्षण प्रयोगशाला में कोरोना जांच का शुल्क अभी तक सबसे कम है। प्रति नमूने 150 रुपए की दर से शुल्क का भुगतान सरकार की ओर से कंपनी को होगा। जबकि स्वास्थ्य विभाग की फीवर क्लीनिक में नमूना देने पर आम व्यक्ति को जांच सुविधा निशुल्क उपलब्ध होगी। जांच रिपोर्ट भी जल्दी मिलेगी। इससे कोविड-19 जांच रिपोर्ट शीघ्र देने के नाम पर मनमाने शुल्क वसूल रहे निजी पैथोलॉजी सेंटर पर भी अंकुश लगेगा।

अभी तक बाहर भेज रहे थे नमूने
एनआईआरटीएच की लैब में आसपास के जिलों के कोरोना संदिग्ध के नमूने का परीक्षण होता है। वायरोलॉजी लैब की छमता सीमित होने के कारण संदिग्ध बढऩे पर नमूने जांच के लिए दूसरे शहर भेजे जा रहे थे। सागर एवं भोपाल की सरकारी लैब के अलावा निजी कंपनी के दिल्ली और अहमदाबाद लैब में भी नमूने जा रहे थे। जहां से रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का समय लग रहा था।
अब आसपास के जिले भी दायरे में
चलित प्रयोगशाला के प्रारंभ हो जाने से 7000 तक नमूने की प्रतिदिन जांच जिला अस्पताल में ही हो जाएगी। आवश्यकता पडऩे पर वायरोलॉजी लैब को भी आसपास के जिलों के नमूने के परीक्षण के लिए उपयोग किया जा सकेगा। एनआईआरटी के साथ वायरोलॉजी लैब मैं ज्यादा संख्या में नमूने की जांच से आसपास के जिले के लोगों को भी रिपोर्ट का जल्दी पता चल सकेगा।

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