प्रोजेक्ट के पीआई ने दी यह जानकारी
प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. मयंक मकरंद वर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत बाघों की विष्ठा, बाल, खून आदि के सैम्पल लिए जाते हैं। जिस सैम्पल में आम की गुठलियां मिली थीं, वह प्रथम दृष्टया बाघ का प्रतीत हो रहा था। सैम्पल की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। दो क्षेत्रों के बाघों के वंशानुगत सम्बधों की जानकारी के लिए सैम्पल लिए गए हैं। बाघ ने आम के छिलके को उगल दिया था। बाघ आम के साथ गुठली भी खा गया था। जिस पेड़ के नीचे गुठली मिली, वहां आम के साबुत छिलके भी मिले थे। इसके पहले उन्होंने कान्हा पेंच नेशनल पार्क के कॉरिडोर में डीएनए बेस मॉनिटरिंग रिसर्च कर 19 बाघ होने की पुष्टि की थी।
प्रोजेक्ट के पीआई डॉ. मयंक मकरंद वर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत बाघों की विष्ठा, बाल, खून आदि के सैम्पल लिए जाते हैं। जिस सैम्पल में आम की गुठलियां मिली थीं, वह प्रथम दृष्टया बाघ का प्रतीत हो रहा था। सैम्पल की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। दो क्षेत्रों के बाघों के वंशानुगत सम्बधों की जानकारी के लिए सैम्पल लिए गए हैं। बाघ ने आम के छिलके को उगल दिया था। बाघ आम के साथ गुठली भी खा गया था। जिस पेड़ के नीचे गुठली मिली, वहां आम के साबुत छिलके भी मिले थे। इसके पहले उन्होंने कान्हा पेंच नेशनल पार्क के कॉरिडोर में डीएनए बेस मॉनिटरिंग रिसर्च कर 19 बाघ होने की पुष्टि की थी।
बाघ मांसाहारी जानवर है। वह शिकार पर निर्भर रहता है। लेकिन, मिनरल्स, विटामिन की कमी या कोई तकलीफ होने पर असामान्य बर्ताव भी करता है। ऐसी स्थिति में वह वनस्पतियां और फल भी खा सकता है। आम की गुठली के अंदर वाले भाग में कृमिनाशक तत्व पाए जाते हैं। हालांकि फ्री रेंजिंग टाइगर पर अभी पर्याप्त स्टडी नहीं हुई है।
डॉ. केपी सिंह, वाइल्ड लाइफ बायोलॉजिस्ट, वेटरनरी यूनिवर्सिटी
डॉ. केपी सिंह, वाइल्ड लाइफ बायोलॉजिस्ट, वेटरनरी यूनिवर्सिटी
डीएनए बेस टाइगर मॉनिटरिंग प्रोजेक्ट के सैम्पल में बाघ की विष्ठा में आम की गुठलियां मिली थीं। वैज्ञानिक रूप से इसकी पुष्टि हुई है। सीजन में बाघ आम खाते हैं या आम खाने वाला यह इकलौता बाघ है, यह रिसर्च का विषय है।
गिरिधिर राव, पीसीसीएफ, डायरेक्टर एसएफआरआई
गिरिधिर राव, पीसीसीएफ, डायरेक्टर एसएफआरआई